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Childhood Obesity Alert : दिल्ली AIIMS की रिपोर्ट में खुलासा, 5 से 10 साल के बच्चों पर गंभीर खतरा!, जानें कैसे करें बचाव?

दिल्ली AIIMS की रिपोर्ट में सामने आया है कि 5-10 साल के 64% बच्चे असमय मोटापे के शिकार हैं। विशेषज्ञों ने चेताया कि समय रहते कार्रवाई न हुई तो अगली पीढ़ी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकती है।

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Ajit Kumar Pandey
AIIMS DELHI HEALTH REPORT

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) नई दिल्ली द्वारा जारी एक चौंकाने वाली स्वास्थ्य रिपोर्ट में बताया गया है कि राजधानी समेत शहरी भारत के 5 से 10 वर्ष के बच्चों का वजन उनकी उम्र के हिसाब से अत्यधिक पाया गया है। AIIMS ने चेताया है कि यदि इस पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाली पीढ़ी में हृदय रोग और डायबीटीज़ जैसी गंभीर बीमारियां आम हो जाएंगी।  

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Childhood Obesity Alert : AIIMS की रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेंड मुख्य रूप से महानगरों और निजी स्कूलों के छात्रों में देखा गया है। इस रिपोर्ट में कुल 1,800 बच्चों पर अध्ययन किया गया, जिसमें 64% बच्चों का बीएमआई सामान्य से ऊपर पाया गया।

  • एम्स रिपोर्ट (क्रमांक: AIIMS/NCD/2025-26) में 1,800 बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर अध्ययन किया गया।  
  • 64% बच्चों का वजन उम्र के हिसाब से अधिक, इनमें से 31% मोटापे की श्रेणी में।  
  • हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण माहेश्वरी ने बताया: "यह फूड हैबिट्स और फिजिकल इनएक्टिविटी का खतरनाक मिलाजुला है।"  
  • रिपोर्ट में 5–10 वर्ष के बच्चों में टाइप 2 डायबीटीज़ के लक्षण भी सामने आए हैं।  
  • स्कूली बच्चों के खानपान और एक्टिविटी को लेकर अभिभावकों में बढ़ी चिंता।

“हमारे अध्ययन ने यह स्पष्ट किया है कि बच्चों की जीवनशैली तेजी से बिगड़ रही है। माता-पिता, स्कूल और स्थानीय निकायों को इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी।”  —डॉ. एम. श्रीनिवास, AIIMS निदेशक

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“हम इस रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं। यदि ज़रूरत पड़ी तो सरकारी स्कूलों में हेल्थ मॉनिटरिंग और न्यूट्रीशन प्लान लागू किया जाएगा।” 
 —आर.सी. वर्मा, दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अधिकारी

  • एम्स की यह रिपोर्ट जनवरी 2024 से अप्रैल 2025 के बीच दिल्ली-NCR में किए गए फील्ड स्टडी पर आधारित है।  
  • बच्चों की बीएमआई, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और हार्मोन लेवल की नियमित जांच की गई।  
  • रिपोर्ट में दिखाया गया कि सप्ताह में तीन दिन से कम फिजिकल एक्टिविटी वाले बच्चों में मोटापा अधिक था।  
  • अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड, मीठे पेय और देर रात सोने की आदतें भी प्रमुख कारण बनीं।
  • AIIMS ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य नीति 2025 बनाने की सिफारिश की है।  
  • निजी स्कूलों में जंक फूड बैन करने और योग/खेल अनिवार्य करने की सलाह दी गई है।  
  • एम्स द्वारा परिजनों और डॉक्टरों के लिए गाइडलाइन्स मैनुअल भी जारी किया जाएगा।  

सबको मिलकर जल्दी कदम उठाने की जरूरत

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  • एम्स की रिपोर्ट बताती है कि बचपन के मोटापे से लड़ना तभी मुमकिन है जब सभी मिलकर काम करें.
  • घर में हेल्दी खाना बनाएं और रोजाना बच्चों को खेलने या हल्का व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • स्कूल बच्चों को पौष्टिक भोजन दें और खेल-कूद या PT क्लास के लिए रोज थोड़ा समय जरूर रखें।
  • डॉक्टर से बच्चों का रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं, उनका वजन देखें और माता-पिता को सही सलाह दें।
  • सरकार ऐसे नियम बनाए जो सस्ता व पौष्टिक खाना उपलब्ध कराए।

CHILDHOOD OBESITY

बच्चों में मोटापे को कैसे रोकें?

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  • बच्चों को जंक फूड की जगह फल, सब्जियां और अनाज खाना सिखाएं।
  • बच्चों को रोज खेलना और एक्सरसाइज करनी चाहिए। स्कूल में या पार्क्स में बच्चों को लेकर जाएं, जहां बच्चे खेल सकें।

माता-पिता और शिक्षक बचपन में मोटापे का शिकार हो रहे बच्चों के बारे में जानकारी इकट्ठा करें और सलाह करें कि कैसे इसे रोका जा सकता है।

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