नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । शिलांग में हुए राजा रघुवंशी हत्याकांड ने देशभर को झकझोर दिया है। 23 मई को लापता हुए राजा रघुवंशी का शव 2 जून को मिला, और अब तक इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। एसआईटी की तेज़ कार्रवाई से एक के बाद एक राज़ खुलते जा रहे हैं। पुलिस ने हत्या के पीछे की साज़िश और फरार आरोपियों को बेनकाब कर दिया है।
23 मई को लापता हुई एक युवक का शव 2 जून को मिला—और जब नाम सामने आया ‘राजा रघुवंशी’, तो सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक, हर जगह सिर्फ एक ही सवाल गूंजा: आखिर राजा रघुवंशी को किसने और क्यों मारा?
23 मई को ही सोनम रघुवंशी अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। शुरुआत में पुलिस को मामला साधारण लगा, लेकिन 2 जून को जब राजा रघुवंशी का शव बरामद हुआ, तो पूरा मामला हत्या की क्रूर साज़िश में बदल गया।
मेघालय पुलिस के अनुसार, इस पूरे वारदात की प्लानिंग पहले से की गई थी। पहले तो ये समझ ही नहीं आया कि राजा रघुवंशी की गुमशुदगी हत्या में तब्दील हो जाएगी। लेकिन जब शव बरामद हुआ, तो ईस्ट खासी हिल्स पुलिस ने फौरन एसआईटी बनाई और ताबड़तोड़ जांच शुरू की।
गिरफ्तार हुए आरोपी: कौन हैं ये पांच चेहरे?
मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सिम के मुताबिक, अब तक इस केस में 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं
- आकाश राजपूत, उम्र 19 वर्ष, ललितपुर (यूपी)
- विशाल सिंह चौहान, उम्र 22 वर्ष, इंदौर (मध्यप्रदेश)
- राज सिंह कुशवाह, उम्र 21 वर्ष, इंदौर (मध्यप्रदेश)
- आनंद, सागर (मध्यप्रदेश) से गिरफ्तार
- एक और संदिग्ध, नंदगढ़ थाने से हिरासत में
इसके अलावा, पुलिस की तीसरी टीम यूपी के गाजीपुर में भेजी गई है, जहां से मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी को लाना है।
7 दिन, 1 शव और 1 साज़िश का खुलासा
मेघालय पुलिस ने बताया कि 23 मई को अपराध हुआ, लेकिन उस वक्त ये महज़ गुमशुदगी लगी। किसी को नहीं पता था कि ये पूरी एक प्लान की गई हत्या है। सोनम और उसके साथ मौजूद लोग इतने दिनों तक भूमिगत रहे।
जब 2 जून को राजा रघुवंशी का शव मिला, तो एक्शन में आई एसआईटी ने मात्र 7 दिनों में सटीक सुराग जुटाए और अब गिरफ्तारी की कड़ी से कड़ी जोड़ रही है।
क्या सोनम भी शामिल थी साजिश में? या है कोई बड़ा खेल?
इस केस में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सोनम रघुवंशी खुद भी इस मामले में संदिग्ध बन चुकी हैं। पुलिस के मुताबिक, राज कुशवाह सोनम के साथ था, और अब जांच की दिशा बदल चुकी है।
ये 4 सवाल अब उठने लगे हैं
- क्या सोनम को फंसाया गया?
- या वह खुद साजिश की सूत्रधार थी?
- क्या हत्या किसी और कारण से की गई?
- जैसे-जैसे आरोपी सामने आ रहे हैं, मकसद की परतें खुल रही हैं।
एसआईटी की भूमिका: 7 दिन में बड़ा खुलासा
एसपी विवेक सिम की अगुवाई में गठित एसआईटी ने डिजिटल साक्ष्य, कॉल रिकॉर्ड और CCTV फुटेज की मदद से केस की दिशा तय की। उन्होंने बताया,
"जब हमने ऑपरेशन शुरू किया, उसी दिन सोनम रघुवंशी सामने आ गई। सभी आरोपी फरार थे लेकिन हमने त्वरित कार्रवाई की।"
एसआईटी की यह सफलता मॉडर्न पुलिसिंग और हाई लेवल कोऑर्डिनेशन का एक शानदार उदाहरण बन गई है।
इस केस में प्रेम, धोखा, दोस्ती और बदले की आशंका भी जताई जा रही है। सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं में इस केस को लव ट्रैप से जोड़कर देखा जा रहा है।
हालांकि पुलिस अभी कुछ भी फाइनल बताने से बच रही है, लेकिन यह तय है कि जब सभी आरोपी शिलांग लाए जाएंगे, तो सच का पूरा चेहरा सामने आएगा।
इस हाई-प्रोफाइल केस ने न सिर्फ शिलांग पुलिस की तत्परता को साबित किया है बल्कि पूरे देश का ध्यान भी खींचा है।
हर गिरफ्तारी के साथ एक नई परत खुल रही है, और जल्द ही हत्याकांड का सच पूरी तरह सामने आने की उम्मीद है।
क्या आप मानते हैं कि ये केवल हत्या नहीं, बल्कि एक बड़ी साज़िश है? अपनी राय नीचे कमेंट करें।
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