नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । राजा रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। आज सोमवार 9 जून 2025 को चौथे और अंतिम फरार आरोपी आनंद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पहले से जेल में बंद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब इस सनसनीखेज हत्याकांड की जांच निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है।
उत्तर प्रदेश के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में आखिरकार मेघालय पुलिस को चौथी बड़ी कामयाबी मिल गई है। मामले के आखिरी फरार आरोपी आनंद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले इस हाई-प्रोफाइल केस में तीन अन्य आरोपी प्रेमी राज कुशवाहा, विक्की ठाकुर, आकाश पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। अब पुलिस को उम्मीद है कि आनंद की गिरफ्तारी से हत्या के पीछे की असली साजिश और वजहें सामने आएंगी।
इस पूरे मामले की जांच मेघालय पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा की गई, जिसमें SDRF, NDRF, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट और कई राज्यों की पुलिस एजेंसियों ने सहयोग किया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों, पब्लिक और मीडिया के दबाव के बावजूद पुलिस टीम ने लगातार मेहनत करते हुए इस केस में बड़ी सफलता पाई।
मेघालय पुलिस ने कहा है कि वह इस केस में पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता से आगे की कानूनी कार्रवाई को अंजाम देगी, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। पुलिस ने जनता और मीडिया से अपील की है कि वे अफवाहें न फैलाएं और न्याय प्रक्रिया को अपना काम करने दें।
कैसे पकड़ा गया आनंद?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आनंद लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। लेकिन सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस के जरिए पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की। अंततः एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस की टीम ने उसे सोमवार को धर दबोचा।
आनंद की भूमिका क्यों है अहम?
आनंद इस केस में वो कड़ी है जो हत्या की योजना बनाने से लेकर वारदात को अंजाम देने तक की कड़ी को जोड़ती है। पुलिस को शक है कि हत्या की साजिश में उसका दिमाग सबसे अहम था। यही कारण है कि पुलिस अब उससे लगातार पूछताछ कर रही है और जल्द ही कुछ बड़े खुलासे हो सकते हैं।
पुलिस पर उठे थे सवाल
हालांकि पुलिस की कार्यप्रणाली पर पहले सवाल भी उठे थे क्योंकि चारों आरोपियों में से तीन की गिरफ्तारी में काफी वक्त लग गया था। लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी जांच, सर्विलांस और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गिरफ्तारी की प्रक्रिया को मजबूत बनाया।
राजा रघुवंशी हत्याकांड अब उस मोड़ पर है, जहां से सच सामने आने की पूरी उम्मीद है। चौथे आरोपी आनंद की गिरफ्तारी से केस की गुत्थी अब जल्द ही सुलझ सकती है। यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए अहम परीक्षा थी, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए भी एक कसौटी है।
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