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ओवैसी की Supreme Court से गुहार : वक्फ संपत्तियों के लिए वक्त बढ़ाया जाए

वक्फ संपत्तियों का डिजिटल पंजीकरण 'उम्मीद' पोर्टल पर छह महीने के भीतर कराना अनिवार्य किया गया है। इस समय सीमा को चुनौती देते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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Ranjana Sharma
Karva Chauth11 (4)
नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क:  देशभर की वक्फ संपत्तियों का छह महीने के भीतर डिजिटल पंजीकरण अब अनिवार्य कर दिया गया है, जिसे सरकार द्वारा शुरू किए गए 'UMEED' पोर्टल पर किया जाना है। इस रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 6 दिसंबर तय की गई है। हालांकि, इस समय सीमा को चुनौती देते हुए अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट से पंजीकरण की अवधि बढ़ाने की मांग की

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की ओर से वकील निजाम पाशा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पंजीकरण की अवधि बढ़ाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने 6 जून को एक आदेश जारी कर सभी वक्फ संपत्तियों को 'उम्मीद' पोर्टल पर रजिस्टर कराने के लिए छह महीने की समय सीमा निर्धारित की थी। अब जबकि लगभग पांच महीने बीत चुके हैं और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बेहद धीमी है, ऐसे में 6 दिसंबर की डेडलाइन को आगे बढ़ाना जरूरी है।

अब तक कोई फैसला नहीं आया

याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि वक्फ अधिनियम से संबंधित कई याचिकाएं पहले से सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, जिन पर अब तक कोई फैसला नहीं आया है। ऐसे में जब तक इन याचिकाओं पर निर्णय नहीं होता, तब तक वक्फ रजिस्ट्रेशन की समयसीमा को टाल दिया जाए। सुनवाई के दौरान निजाम पाशा ने अपनी बात को एक शेर के जरिए भी रखा। सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका पर आपत्ति जताई और कहा कि निर्धारित समय सीमा पर्याप्त है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि याचिका को सूचीबद्ध करने का अर्थ यह नहीं है कि अदालत याचिकाकर्ता की मांग से सहमत है।

केंद्र सरकार ने की उम्मीद’ पोर्टल की शुरुआत 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सभी वक्फ संपत्तियों का डेटा डिजिटलीकरण करने के उद्देश्य से ‘उम्मीद’ पोर्टल की शुरुआत की है। इसके तहत सभी मुतवल्लियों को 6 दिसंबर 2025 तक अपनी संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी है। लेकिन अब अंतिम तिथि नजदीक होने और धीमी प्रगति को देखते हुए इस समयसीमा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
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asaduddin owaisi supreme court AIMIM
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