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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में रह रहे डॉक्टर मुजम्मिल की गिरफ्तारी और एक कमरे से 360 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद होने के बाद देशभर में सनसनी फैल गई है। जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने एक बड़ी आतंकी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया। जांच में पता चला है कि बरामद 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट आईईडी बनाने के लिए संभालकरर रखी गई थी। इसके साथ ही एक असॉल्ट राइफल और पिस्तौल भी बरामद हुई है। यह सब एक ही बड़ी साजिश का हिस्सा है। अब यह पता लगाना जरूरी है कि यह विस्फोटक किस वाहन से लाया गया, किसने मदद की और देश में ऐसे कितने मॉड्यूल सक्रिय हैं।
पूर्व डीजीपी बोले- मामला गंभीर है
आईएएनएस से बात करते हुए पूर्व डीजीपी डॉ. एस.पी. वैद ने कहा कि “यह बेहद गंभीर मामला है क्योंकि इसमें डॉक्टर जैसे शिक्षित पेशेवर आतंक में शामिल पाए गए हैं। पाकिस्तान धार्मिक ब्रेनवॉशिंग के जरिए पढ़े-लिखे युवाओं को अपने जाल में फंसा रहा है।” पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने बताया कि यूपी पुलिस की मदद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. आदिल अहमद को पकड़ा, जिसकी पूछताछ में डॉ. मुजम्मिल का नाम सामने आया। उसके पास से अमोनियम नाइट्रेट, एक असॉल्ट राइफल और पिस्तौल बरामद हुई, जो एक बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बताया जा रहा है। पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने आईएएएनएस से कहा, "बहुत बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन पुलिस की सतर्कता से एक बड़ी त्रासदी टल गई। फरीदाबाद पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी पुलिस ने मिलकर शानदार काम किया है। जनता इन अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करती है।"
“कश्मीर घाटी में सक्रिय था नेटवर्क”
रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (सेवानिवृत्त) ने बताया कि यह नेटवर्क कश्मीर घाटी से सक्रिय था। रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (सेवानिवृत्त) ने बताया कि 27 अक्टूबर को कश्मीर घाटी में कुछ पोस्टर लगाए गए थे। जांच में पता चला कि इन्हें डॉक्टर आदिल अहमद नाम के व्यक्ति ने लगाया था। जब उसे गिरफ्तार किया गया और उसका लॉकर खोला गया, तो उसमें एक एके-47 राइफल बरामद हुई। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा, "यह पहली बार है जब अत्यंत शिक्षित पेशेवरों को आतंकियों ने अपने नेटवर्क में शामिल किया है। यह हमारे लिए चेतावनी की घंटी है। मैं खुफिया एजेंसियों और पुलिस को बधाई देता हूं, लेकिन साथ ही यह भी कहना चाहूंगा कि अब खुफिया जानकारी जुटाने और फील्ड ऑपरेशन्स की रणनीति को आधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड करना बेहद जरूरी है। Dr Muzammil | Terrorism
इनपुटः आईएएनएस
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