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आंध्र प्रदेश, वाईबीएन नेटवर्क
आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने अब केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच चल रही हिंदी को लेकर खींचतान में बड़ा बयान दिया है। तमिलनाडु में एक बार फिर हिंदी भाषा को लेकर गरमाए माहौल में आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने तमिलनाडु सरकार के इस रुख पर सवाल उठाए हैं।"वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल तीन भाषीय फॉर्मूले का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन हिंदी थोपने का आरोप लगा रहे हैं।
Why don't you guys Stop Dubbing your films into Hindi first?
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 14, 2025
PawanKalyan Questions the Hindi Hate coming out of Tamilnadu 🔥 pic.twitter.com/9oEkv59pu3
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तमिलनाडु पर हिंदी थोपना का आरोप
"तमिलनाडु में हिंदी विरोध कोई नया मुद्दा नहीं है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का कहना है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए तमिलनाडु पर हिंदी थोपना चाहती है। यही नहीं, हाल ही में राज्य के बजट में रुपये का देवनागरी सिंबल हटाकर तमिल अक्षरकर दिया गया, जिससे यह विवाद और भी गहरा गया है।"
கல்விக் கொள்கை அல்ல, காவிக் கொள்கை!#தமிழ்நாடுபோராடும்_தமிழ்நாடுவெல்லும்!#StopHindiImposition#FairDelimitationForTNpic.twitter.com/vF8Y9Vjm5B
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 13, 2025
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भाषा से दुश्मनी रखना समझदारी नहीं
"अब इस विवाद में आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सवाल किया कि तमिलनाडु हिंदी का विरोध क्यों कर रहा है, जबकि उत्तर भारत के लोग तमिल फिल्मों को प्यार करते हैं और हिंदी में डब करके देखते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा से दुश्मनी रखना समझदारी नहीं है।"
देश की एकता को प्राथमिकता दें
"मुसलमान अरबी और उर्दू में दुआ पढ़ते हैं, मंदिरों में संस्कृत मंत्रों से पूजा होती है, तो क्या हमें इन्हें तमिल या तेलुगु में बदल देना चाहिए? भाषा का यह झगड़ा बंद होना चाहिए।" "पवन कल्याण ने DMK सरकार के हिंदी विरोधी रुख को गुमराह करने वाला बताया और कहा कि उत्तर-दक्षिण के बीच भाषा के नाम पर दीवार खड़ी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने जनता से ऐसी पार्टियों को चुनने की अपील की जो देश की एकता को प्राथमिकता दें"
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