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रियो डी जेनेरियो,आईएएनएस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील दौरे पर हैं, जहां उन्होंने रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने ब्रिक्स समिट में एनवायरमेंट, कॉप 30 और ग्लोबल हेल्थ पर सत्र को संबोधित किया।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ‘एनवायरमेंट, कॉप30 और ग्लोबल हेल्थ’ पर सत्र को संबोधित किया। मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन विषयों पर चर्चा शुरू करने के लिए ब्राजील का आभारी हूं, क्योंकि ये मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं।
भारत ने कई पहल की है, जैसे मिशन लाइफ
उन्होंने कहा कि भारत पीपल (लोग), प्लेनेट और प्रोग्रेस की भावना से प्रेरित है। भारत ने कई पहल की है, जैसे मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम, अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन, हरित हाइड्रोजन मिशन, वैश्विक जैव ईंधन अलायंस, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट्स अलायंस।
उन्होंने कहा कि हमारे लोगों और प्लेनेट का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि वायरस वीजा लेकर नहीं आता, न ही पासपोर्ट के आधार पर समाधान चुने जाते हैं। इसलिए हमें अपने प्लेनेट को स्वस्थ बनाने के लिए अपने साझा प्रयासों को मजबूत करना होगा।
आयुष्मान भारत योजना शुरू करने पर गर्व
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आयुष्मान भारत योजना शुरू करने पर गर्व है, जो अपनी तरह की सबसे बड़ी हेल्थ कवरेज स्कीम है। हमने अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाया है। हमारे पास चिकित्सा की जीवंत पारंपरिक प्रणालियां भी हैं, जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी पांच देशों के विदेशी दौरे पर हैं। वह चौथे पड़ाव में ब्राजील पहुंचे। इससे पहले वह घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और अर्जेंटीना गए थे।
वियतनामी प्रधानमंत्री से मिले पीएम
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ अच्छी बातचीत हुई।
वियतनाम इसी साल जनवरी में ब्रिक्स का सदस्य बना
वियतनाम इसी साल जनवरी में ब्रिक्स का सदस्य बना है। भारत और वियतनाम के बीच परंपरागत रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जिन्हें एक आधिकारिक बयान में व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में बताया गया है। महात्मा गांधी और वियतनाम के उस वक्त के राष्ट्रपति हो ची मिन्ह, जिन्होंने अपने-अपने देशों में आजादी की लड़ाई का नेतृत्व किया, ने एक-दूसरे को संदेश भेजे थे।
रिश्ते समय के साथ हुए मजबूत
वियतनाम के हनोई स्थित भारतीय दूतावास के अनुसार, "भारत 1954 के जिनेवा समझौते के बाद बनी अंतरराष्ट्रीय निगरानी और नियंत्रण आयोग का सह-अध्यक्ष था। पहले भारत ने उस समय के उत्तरी वियतनाम (डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ वियतनाम) और दक्षिणी वियतनाम के साथ कॉन्सुलेट स्तर के संबंध बनाए रखे। बाद में 7 जनवरी 1972 को भारत ने वियतनाम के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए। ये रिश्ते समय के साथ धीरे-धीरे मजबूत होते गए।
संयुक्त दृष्टिकोण पर आगे बढ़ रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा के दौरान 2016 में भारत-वियतनाम संबंधों को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक बढ़ाया गया था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले, संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में नामित किया गया था। भारत और वियतनाम के रिश्ते शांति, समृद्धि और लोगों के लिए संयुक्त दृष्टिकोण पर आगे बढ़ रहे हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम के उस समय के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने 21 दिसंबर 2020 को वर्चुअल समिट में अपनाया था।
दोनों देश आपसी सहयोग से कर रहे काम
पीएम मोदी और वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग ने 15 अप्रैल 2022 को फोन पर बातचीत भी की थी। दोनों देशों ने 2022 में अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाई और दोनों देश आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह की 2024 में भारत यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की सितंबर 2024 में वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव से मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों को नई गति दी है।