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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बंगला भाषा संबंधी बयान पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीमा पार से अवैध घुसपैठ को प्रमोट करने का भी आरोप लगाया। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- असम में हम अपने ही लोगों से नहीं लड़ रहे हैं। हम सीमा पार से जारी अनियंत्रित मुस्लिम घुसपैठ का विरोध कर रहे हैं, जिसने जनसांख्यिकीय संतुलन को खतरनाक स्तर तक बदल दिया है। कई जिलों में हिंदू अब अपनी ही जमीन पर अल्पसंख्यक बनने की कगार पर हैं। यह कोई राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि हकीकत है।"
“सुप्रीम कोर्ट ने भी इस घुसपैठ को बाहरी आक्रमण माना”
असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस तरह की घुसपैठ को "बाहरी आक्रमण" माना है। उन्होंने कहा- जब हम अपनी भूमि, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए खड़े होते हैं, तब आप (ममता बनर्जी) इसे राजनीति का विषय बना देती हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि असम भाषाई या धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित नहीं करता। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- असमिया, बांग्ला, बोडो और हिंदी, सभी भाषाएं और समुदाय यहां साथ रहते हैं। लेकिन कोई भी सभ्यता तब तक नहीं टिक सकती जब तक वह अपनी सीमाओं और सांस्कृतिक आधार को सुरक्षित नहीं रखती।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "... असम में, हम अपने ही लोगों से नहीं लड़ रहे हैं। हम सीमा पार से जारी, अनियंत्रित मुस्लिम घुसपैठ का निडरता से विरोध कर रहे हैं, जिसने पहले ही एक खतरनाक… pic.twitter.com/r6iZRkAUUh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 19, 2025
ममता बनर्जी पर बंगाल के भविष्य से समझौते का आरोप
पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि CM Mamata Banerjee ने राज्य के भविष्य से समझौता किया है। मुख्यमंत्री ने कहा- आपने एक खास समुदाय को खुश करने के लिए अवैध घुसपैठ को प्रोत्साहित किया, वोट बैंक की राजनीति की और सीमा पार घुसपैठ पर चुप्पी साधी। यह राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने दोहराया कि असम अपनी विरासत, गरिमा और जनता की रक्षा के लिए साहस और संवैधानिक अधिकारों के साथ संघर्ष जारी रखेगा।
जानिए ममता बनर्जी ने क्या कहा था
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को ट्वीट कर कहा था- देश की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बंगला, असम की भी दूसरी सबसे प्रमुख भाषा है। जो नागरिक सभी भाषाओं और धर्मों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक सहअस्तित्व चाहते हैं, उन्हें अपनी मातृभाषा की रक्षा के लिए प्रताड़ित करने की धमकी देना भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है। असम में भाजपा का यह विभाजनकारी एजेंडा अब सभी हदें पार कर चुका है, और असम की जनता इसका डटकर मुकाबला करेगी। मैं हर उस निर्भीक नागरिक के साथ खड़ी हूं, जो अपनी भाषा, अपनी पहचान और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की गरिमा के लिए संघर्ष कर रहा है।
The second most spoken language in the country, Bangla, is also the second most spoken language of Assam.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) July 19, 2025
To threaten citizens, who want to coexist peacefully respecting all languages and religions, with persecution for upholding their own mother tongue is discriminatory and…