नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बकरीद के दौरान असम में सार्वजनिक स्थलों पर मांस के अवशेष फेंके जाने की घटनाएं सामने आई हैं। अब इसे लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में जानबूझकर गोमांस का इस्तेमाल सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के हथियार के रूप में किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि पहले मुस्लिम समुदाय के लोग अपने हिंदू पड़ोसियों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
ताकि हिंदू इलाका छोड़ने पर मजबूर हो जाएं...
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि अब जानबूझकर मांस और जानवरों के अवशेष खुले में फेंके जा रहे हैं, ताकि हिंदू समुदाय असहज महसूस करे और उस इलाके को छोड़ने पर मजबूर हो जाए। सीएम हिमंता ने निशाना साधते हुए कहा कि असम उन ताकतों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, जिनके दुनियाभर में हमदर्द हैं। उन्होंने कहा कि पहले हिंदुओं के पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम कोशिश करते थे कि वे हिंदुओं के लिए समस्या पैदा न करें, अगर उन्हें गोमांस खाना होता था तो वे मुस्लिम इलाके में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास चले जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब ऐसा हो गया है कि वे बचे हुए मांस और कचरे को इधर-उधर फेंक देते हैं, जिससे पड़ोसियों को हिंदुओं को वह जगह छोड़नी पड़ जाए।
16 लोग गिरफ्तार, सख्त कदम उठाएगी सरकार
सीएम ने इस प्रवृत्ति के पीछे "बाहरी ताकतों" का हाथ बताया और कहा कि असम सरकार इन तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगी। मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ने कहा कि बकरीद के दौरान मवेशियों के अवैध वध की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं। इस मामले में राज्य पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के पांच जिलों में अवैध कुर्बानी के स्थल पाए गए हैं और कई जगहों पर सार्वजनिक स्थलों पर जानवरों के अंग फेंके गए थे। सीएम ने स्पष्ट किया कि अवैध गतिविधियों और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाएगी। Assam news | bakrid 2025 | Himanta Biswa Sarma