नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Organization elections: भारतीय जनता पार्टी (BJP) इन दिनों संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। पार्टी जल्द से जल्द नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को तय करना चाहती है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड सहित आठ राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर पिछले दो दिनों से लगातार बैठकें हो रही हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी की योजना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी पांच देशों की विदेश यात्रा और संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की बैठक से पहले इन नियुक्तियों को अंतिम रूप दिया जाए।
UP में OBC या दलित चेहरा हो सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष
राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति से जहां चुनावी समीकरण साधने की कोशिश है, वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर संघ और पार्टी का मतभेद आगामी रणनीति को प्रभावित कर सकता है। उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के लिए दलित और OBC वर्ग के नेताओं पर मंथन चल रहा है। केंद्रीय नेतृत्व ने कुछ नामों पर प्रदेश नेताओं से राय भी मांगी है। लोकसभा चुनाव 2024 में इन वर्गों के वोट बैंक में आई गिरावट के बाद BJP रणनीतिक बदलाव की ओर है। जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें शामिल हैं:
दलित वर्ग:
रमाशंकर कठेरिया (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
विद्यासागर सोनकर (सांसद)
OBC वर्ग:
धर्मपाल सिंह (योगी सरकार में मंत्री)
बीएल वर्मा (केंद्रीय मंत्री)
बाबूराम निषाद (सांसद)
साध्वी निरंजन ज्योति (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
भाजपा का टॉप नेतृत्व बदलने को लेकर संघ और पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाई है। संघ का मानना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ऐसा वरिष्ठ नेता होना चाहिए जो सरकार और संगठन के बीच संतुलन बनाकर चले और व्यापक संगठनात्मक सुधार कर सके। संघ की शर्त है कि जातिगत या राजनीतिक संतुलन के बजाय संगठन की मजबूती को प्राथमिकता दी जाए। यदि आगामी संघ बैठक और प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा से पहले सहमति नहीं बनी तो राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर 2025) तक टल सकती है। भाजपा में शीर्ष नेतृत्व को लेकर चल रहा मंथन आने वाले महीनों की राजनीतिक दिशा तय करेगा।