नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: भाजपा ने महाराष्ट्र उत्तराखंड और
पश्चिम बंगाल में अपने संगठन चुनावों की निगरानी के लिए वरिष्ठ नेताओं को ‘राज्य चुनाव अधिकारी’ के रूप में नियुक्त किया है। इस नियुक्ति का उद्देश्य इन राज्यों में पार्टी के
संगठनात्मक चुनावों को सुचारू और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराना है। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू को महाराष्ट्र के लिए हर्ष मल्होत्रा को उत्तराखंड के लिए और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पश्चिम बंगाल के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
19 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरा होना जरूरी
भाजपा के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी के लक्ष्मण ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए बताया कि इन तीनों सांसदों को संबंधित राज्यों के अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के चुनाव के लिए केंद्रीय प्रभारी बनाया गया है। उनका कहना है कि यह नियुक्ति पार्टी के संगठन चुनावों को गति देने और उन्हें सही समय पर पूरा करने में मददगार साबित होगी। यह प्रक्रिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के स्थान पर नए अध्यक्ष के चुनाव तक जारी रहेगी। भाजपा के संगठन में कुल 37 राज्य इकाइयां हैं, जिनमें से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू होने से पहले कम से कम 19 राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरा होना जरूरी है। अब तक 14 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में अभी भी अध्यक्षों के चुनाव बाकी हैं। पार्टी ने जनवरी में इन राज्यों के लिए ‘राज्य चुनाव अधिकारी’ नियुक्त किए थे ताकि चुनाव प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके।
भाजपा की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह नियुक्ति भाजपा की संगठनात्मक मजबूती को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यह पहल चुनावी तैयारियों को और अधिक संगठित करेगी, जिससे पार्टी आगामी राजनीतिक चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकेगी। साथ ही, यह नए नेतृत्व के चयन की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाएगी। भाजपा के संगठन चुनाव इस समय पूरे देश में तेज़ी से चल रहे हैं, और इन नियुक्तियों से पार्टी को अपने संगठन को मजबूत बनाने तथा नए नेतृत्व के चुनाव में समयबद्धता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस प्रक्रिया को पार्टी के भविष्य के लिए निर्णायक बताते हैं, क्योंकि संगठन की स्थिरता और मजबूती सीधे तौर पर उसकी राजनीतिक ताकत को प्रभावित करती है। bjp