नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद विपक्ष लगातार संसद का विशेष सत्र बुलाने और चर्चा की मांग कर रहा है। अब संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग एक बार फिर तेज हो चली है। कांग्रेस के नेतृत्व में 16 विपक्षी दलों ने यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। भाजपा द्वारा संसद सत्र बुलाने की अनदेखी किए जाने पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाए हैं।
भाजपा डर क्यों रही है?
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "जो आज का संविधान है उसके अनुसार कोई भी निर्वाचित सरकार देश की संसद के प्रति उत्तरदायी होती है। एक महत्वपूर्ण घटना हुई है, ऐसी घटना जिसमें देश असामान्य परिस्थितियां देख रहा है। यदि ऐसे समय में हम (विपक्ष) संसद बुलाने की मांग कर रहे हैं यह मांग जायज हुई न? क्योंकि यह सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी है। यदि विपक्ष संसद सत्र को बुलाने की मांग कर रहा है तो हम केवल अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं लेकिन भाजपा डर क्यों रही है?"
16 दल मांग कर रहे तो चर्चा होनी चाहिए
संसद के विशेष सत्र की मांग पर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत ने कहा, "हम केवल पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा करना चाहते हैं, सरकार की कार्रवाई पर नहीं। अगर 16 विपक्षी दल इस पर विशेष सत्र की मांग करते हैं तो चर्चा होनी चाहिए। कुछ दिनों में हम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पत्र भेजेंगे। लोकतंत्र में सरकार को जनता को विश्वास में लेना चाहिए और उन्हें बताना चाहिए कि वह क्या कर रही है। लेकिन सबसे बड़े लोकतंत्र में जनता से सब कुछ छिपाया जाता है।"
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जुलाई में संसद का मानसून सत्र प्रस्तावित है। ऐसे में सरकार का कहना है कि विशेष सत्र बुलाने का कोई औचित्य नहीं है। pahalgam terrorist attack | Special Parliament Session | Congress | opposition