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Disha Salian Murder Case: संजय गायकवाड़ बोले- कोई राजनीतिक साजिश नहीं, दुर्घटना से हुई मौत

सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की मौत को लेकर उनके पिता ने शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। शिवसेना नेता संजय गायकवाड़ ने आईएएनएस से बातचीत में अपनी राय रखी।

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Pratiksha Parashar
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मुंबई, आईएएनएस। 

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सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दिशा सालियान की मौत को लेकर उनके पिता ने शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे के ऊपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इसके बाद से महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। इन चर्चाओं के बीच शिवसेना नेता संजय गायकवाड़ ने आईएएनएस से बातचीत में अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि दिशा की मौत को पांच साल बीत गए, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि उनकी हत्या हुई थी या नहीं। 

राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं- संजय गायकवाड़

संजय ने बताया कि दिशा की मौत 14वीं मंजिल से गिरकर हुई थी और सीआईडी ने इस मामले की हर पहलू से जांच की। जांच में कोई राजनीतिक साजिश या कनेक्शन नहीं मिला। सीआईडी ने इसे दुर्घटना करार दिया था। संजय गायकवाड़ ने साफ कहा कि इस मामले को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं। उनका इशारा उन लोगों की ओर था जो इस केस को शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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"इसे दुर्घटना मानकर आगे बढ़ना चाहिए"

संजय गायकवाड़ ने कहा, "अगर कोई इसे राजनीति से जोड़ता है, तो यह सिर्फ उनका दावा है। पांच साल पहले भी इसकी पूरी जांच हुई थी। पुलिस और सीआईडी ने हर पहलू को देखा, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।" संजय ने कहा कि इसे दुर्घटना मानकर आगे बढ़ना चाहिए, न कि इसे राजनीतिक हथियार बनाना चाहिए। गायकवाड़ ने सीआईडी की जांच पर भरोसा जताया और कहा कि पांच साल पहले हुई तफ्तीश में सारी बातें साफ हो चुकी हैं। उनका मानना है कि इस मामले को बार-बार उठाकर राजनीति करने की कोशिश बेकार है। उन्होंने कहा, "जो तारीख बताई गई, वह एक हादसे की तारीख थी। इसे वही समझना चाहिए।"

बांग्लादेशी घुसपैठियों पर लगाए हिंसा फैलाने के आरोप

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बातचीत में शिवसेना नेता ने बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना था कि पूरे देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए फैले हुए हैं और यह समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा, "बाला साहेब ठाकरे कहते थे कि देश में दो करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह संख्या उससे भी ज्यादा है।" संजय ने आरोप लगाया कि इन घुसपैठियों को न धर्म की परवाह है, न समाज की समझ। वे हिंसा फैलाने में लगे रहते हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, क्योंकि वहां बांग्लादेशी घुसपैठिए ज्यादा हैं।

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