Advertisment

महाराष्ट्र भाषा विवाद ने बिगाड़ी नेताओं की भाषा, फडणवीस के रुदाली बयान पर शिवसेना का प्रहार

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था कि उद्धव ने संयुक्त रैली में ‘रुदाली’ जैसा भाषण दिया। मुखपत्र सामना में फडणवीस पर निशाना साधते हुए इसे मराठी अस्मिता से जोड़ दिया है। 

author-image
Mukesh Pandit
Maharastya politics
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुंबई, वाईबीएन डेस्क।महाराष्ट्र की सियासत में भाषा को लेकर शुरू हुआ विवाद अब नेताओं के बीच की अभ्रद भाषा में बदल गया है। ठाकरे ब्रदर्स की रैली को रुदाली की संज्ञा दिए जाने पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मुखपत्र 'सामना' ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर उनके उस बयान को लेकर जोरदार हमला बोला है। सामना ने इसे मराठी अस्मिता पर सीधा हमला करार दिया। सामना में प्रकाशित संपादकीय में लिखा कि जो व्यक्ति मराठी जनसमूह को इस तरह देखता है, वह इस राज्य का मुख्यमंत्री है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

Advertisment

अब शिवसेना ज्यादा ताकवर बन सकेगी

बीस बरस के लंबे अंतराल के बाद उद्धव और राज ठाकरे एक साथ रैली में मंच पर नजर आए थे। इसे महाराष्ट्र की बदलती राजनीति का सूचक माना जाता है। शिंदे गुट के शिवसेना से अलग हो जाने के बाद शिवसेना उद्धव की महाराष्ट्र में ताकत काफी कमजोर हो गई थी। लेकिन राज ठाकरे के वापस आने की संभावनाओं के बीच राजनीति के जानकारों का मानना है कि ठाकरे ब्रदर्स के एक साथ आने से अब शिवसेना की ताकत बढे़गी। दोनों की रैली के बाद जिस तरह महाराष्ट्र के सीएम ने  टिप्पणी की, शिवसेना उसे भाजपा की हताशा मान रही है। 

मराठियों के स्वाभिमान पर चोट है बयान

Advertisment

शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है कि फडणवीस का रुदाली वाला बयान उनकी हताशा और निराशा को दिखाता है। इससे साफ है कि उन्होंने मराठी एकता के दबाव में पीछे हटना स्वीकार कर लिया। सामना ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा और फडणवीस अपने कार्यक्रमों में रुदाली को पैसे देकर बुला सकते हैं, लेकिन मराठियों का स्वाभिमान बिकाऊ नहीं है। रुदाली तो मराठी संस्कृति में है ही नहीं, ऐसे में मराठी जनसभा को रुदाली बताना ठीक वैसा ही है जैसे हुतात्मा चौक पर खड़े होकर ‘जय गुजरात' के नारे लगाना।

क्या कहा था फडणवीस ने

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए शनिवार को कहा था कि उद्धव ने संयुक्त रैली में ‘रुदाली' (पेशेवर शोकसभा) जैसा भाषण दिया। फडणवीस ने दोनों चचेरे भाइयों (उद्धव और राज ठाकरे) को फिर से मिलाने का श्रेय उन्हें देने के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को धन्यवाद दिया। इससे पहले, दो दशकों के बाद उद्धव और राज ने सार्वजनिक मंच साझा किया।

Advertisment

यह एक 'रुदाली' भाषण निकला

उल्लेखनीय है कि आवाज मराठीचा' नामक एक विजय सभा आयोजित की जो राज्य के स्कूलों में कक्षा एक से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के लिए सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी आदेशों को वापस लेने का जश्न मनाने के लिए की गई। जनसभा को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने मजाकिया अंदाज में फडणवीस को दोनों चचेरे भाइयों को एक साथ लाने का श्रेय दिया। फडणवीस ने उद्धव पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘आज बालासाहेब ठाकरे मुझे आशीर्वाद दे रहे होंगे। मुझे बताया गया था कि यह एक 'विजय' रैली होनी थी, लेकिन यह एक 'रुदाली' भाषण निकला।''

रुदाली शब्द का अर्थ..

Advertisment

रुदाली नाम से एक फिल्म भी बन चुकी है, जिसमें डिंपल कपाड़िया ने यादगार भूमिका अदा की थी। दरअसल, 'रुदाली' शब्द कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से राजस्थान में पेशेवर महिला शोक-संतप्तों को कहा जाता है। इन क्षेत्रों में विशेष रूप से उच्च जाति के परिवारों में उन्हें अंतिम संस्कार के दौरान सार्वजनिक रूप से शोक व्यक्त करने के लिए रखा जाता था। फडणवीस ने कहा कि कार्यक्रम में मराठी के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला गया और (उद्धव द्वारा दिया गया) भाषण इस बात पर केंद्रित था कि कैसे उनकी सरकार गिराई गई और कैसे वे दोबारा सत्ता हासिल कर सकते हैं।

Advertisment
Advertisment