मुंबई, वाइबीएन नेटवर्क
महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार के गठन के बाद से ही डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदें और सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच में खटपट की खबरें लगातार बाहर आती रही हैं। ताजा विवाद मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाए जाने को लेकर है। नासिक और रायगढ़ जिलों में शिंदे अपनी पार्टी के मंत्रियों की नियुक्ति चाहते हैं, लेकिन फिलहाल फडणवीस ने दोनों ही जिलों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। इस विवाद का निपटारा फडणवीस के विदेश दौरे से वापसी के बाद ही संभव है। वे इन दिनों स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे World Economic Forum में शिरकत करने गए हैं, जबकि शिंदे अपने पैतृक गांव में आराम फरमा रहे हैं। सूबे की राजनीति के दोनों ही सूरमा मुंबई से बाहर हैं।
42 में 19 मंत्री भाजपा कोटे से
महाराष्ट्र के 42 मंत्रियों में से 19 भाजपा कोटे से हैं, इनमें फडणवीस भी शामिल हैं और सभी को एक जिला आवंटित किया गया है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे) से भरत गोगावाले, दादा भूसे और योगेश कदम तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से धनंजय मुंडे और इंद्रनील नाइक को जिला संरक्षक का पद नहीं दिया गया है, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन में नाराजगी के स्वर सुनाई दे रहे हैं। नासिक और रायगढ़ के जिला संरक्षकों की नियुक्तियों पर फिलहाल फडणवीस ने रोक लगा दी है।उधर, खबर है कि उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे सतारा में अपने पैतृक गांव में हैं। जबकि देवेंद्र फडणवीस स्विट्जरलैंड के दावोस में World Economic Forum में निवेशकों को आकर्षित करने में जुटे हैं। वहीं, राज्य के 36 जिलों के लिए संरक्षक मंत्रियों (Guardian Minister) के आवंटन को लेकर उनके महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष पनप रहा है। शिंदे खेमे के कई नेता भी नाराज बताए जाते हैं।
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जाने क्या है पूरा मामला
रायगढ़ को लेकर एनसीपी और शिवसेना के बीच में विवाद है। सरकार ने एनसीपी की अदिति तटकरे को संरक्षक मंत्री नियुक्त किया है, लेकिन शिवसेना के मंत्री गोगावाले ने वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपना दावा ठोंकते रहे हैं। गोगावाले का समर्थन करते हुए शिंदे ने कहा था, "जिला संरक्षकता का दावा करने वाले मंत्रियों में कुछ भी गलत नहीं है। हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है। अब सभी को फणवीस के स्विट्जरलैंड से लौटने का इंतजार है।
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