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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।महाराष्ट्र में मराठी अस्मिता को लेकर तनाव एक बार फिर सड़कों पर नजर आया। मंगलवार को मीरा रोड इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा निकाली गई रैली के दौरान हालात बेकाबू हो गए। मराठी बनाम प्रवासी के मुद्दे को लेकर निकली यह रैली देखते ही देखते उग्र हो गई और भीड़ ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री प्रताप सरनाइक को दौड़ा लिया। रैली में भाग लेने पहुंचे प्रताप सरनाइक, जो स्थानीय विधायक भी हैं और एकनाथ शिंदे गुट से जुड़े हैं, भीड़ के द्वारा उन पर बोतलें फेंकी गईं, स्थिति बेकाबू होते देख उन्हें मौके से भागकर जान बचानी पड़ी। मंत्री पर हमले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति और गरमा गई है।
क्या है पूरा मामला?
इस पूरी घटना की शुरुआत उस समय हुई जब मनसे नेता अविनाश जाधव और उनके समर्थकों ने एक फूड स्टॉल मालिक को कथित रूप से मराठी न बोलने पर पीट दिया था। इसके विरोध में प्रवासी व्यापारियों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद जाधव को हिरासत में लिया गया। मनसे ने इस गिरफ्तारी को "मराठी अस्मिता पर हमला" बताया और महाराष्ट्र एकीकरण समिति के बैनर तले मीरा भायंदर में रैली आयोजित करने का ऐलान कर दिया। हालांकि पुलिस ने सुरक्षा कारणों से रैली के लिए अन्य मार्ग का सुझाव दिया, लेकिन आयोजक एक खास मार्ग पर रैली निकालने पर अड़े रहे।
फडणवीस ने दी सफाई
मामले पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- रैली के आयोजन से हमें कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन जिन मार्गों की अनुमति मांगी गई थी, वहां भीड़भाड़ और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती थी। पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग सुझाया, पर आयोजक नहीं माने। हम लोकतंत्र में हैं, रैली सबका अधिकार है, लेकिन नियमों का पालन होना जरूरी है।
रैली में दिखी मराठी संगठनों की एकजुटता
मनसे की इस रैली को उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और कई अन्य मराठी संगठनों का भी समर्थन मिला। हजारों की भीड़ ने सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। हिरासत और रोक-टोक से भीड़ का गुस्सा और भड़क गया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। mumbai news | Maharashtra | Raj Thackeray | Raj Thackeray Marathi Language | Raj Thackeray protest