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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संसदीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नेहरू ने देश को दो बार बांटा। पहली बार रेडक्लिफ रेखा के जरिए और दूसरी बार सिंधु जल संधि के माध्यम से। सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर कर उन्होंने भारत के किसानों की परवाह किए बिना भारत की नदियों का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया।
बोले- नेहरु ने भी माना कोई लाभ नहीं हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि सिंधु जल संधि किसानों के हित में नहीं थी और खुद नेहरू ने बाद में अपने सचिव के माध्यम से स्वीकार किया कि इससे भारत को कोई लाभ नहीं हुआ। बैठक में मौजूद भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने नेहरू द्वारा संधि पर हस्ताक्षर को "देश के साथ विश्वासघात" बताया। उन्होंने कहा कि नेहरू को इसके लिए संसद से मंजूरी लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा किए बिना वह पाकिस्तान गए और समझौते पर हस्ताक्षर कर लौट आए।
रविशंकर बोले- पानी भी दिया और 80 करोड़
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी पीएम मोदी की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि नेहरू ने न केवल बिना कैबिनेट की मंजूरी संधि पर हस्ताक्षर किए, बल्कि पाकिस्तान को 80 करोड़ रुपये भी दिए। बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित कर पाकिस्तान को पानी न देने का निर्णय लिया था। पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के बाद बार- बार कहा है- खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। भारत ने सिंधु जल संधि से जुड़े हेग स्थित मध्यस्थता न्यायालय के फैसले को पूरी तरह खारिज कर दिया।
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