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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत द्वारा पहलगाम आतंकी हमले के बाद एकतरफा रूप से स्थगित की गई सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान ने नरमी दिखाई है। सोमवार को पाकिस्तान ने भारत से इस ऐतिहासिक जल समझौते को फिर से बहाल करने का औपचारिक आग्रह किया। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "हम हेग स्थित मध्यस्थता न्यायालय के हालिया फैसले का स्वागत करते हैं। यह निर्णय स्पष्ट रूप से बताता है कि सिंधु जल संधि आज भी वैध और लागू है।
विदेश मंत्री इशाक डार ने क्या कहा
Indus Water Treaty: भारत इसे एकतरफा रूप से स्थगित नहीं रख सकता।" इससे पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि 27 जून को हेग में स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने जो पूरक निर्णय सुनाया, वह पाकिस्तान के इस रुख की पुष्टि करता है कि सिंधु जल समझौता न सिर्फ वैध है बल्कि दोनों देशों के लिए बाध्यकारी भी है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने किया आग्रह
India Pakistan conflict update: विदेश कार्यालय ने यह भी कहा- हम भारत से आग्रह करते हैं कि वह सिंधु जल संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ निभाए तथा सामान्य कामकाज को जल्द बहाल करे। बता दें कि सिंधु जल संधि वर्ष 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित हुई थी। इसमें छह नदियों के जल बंटवारे को लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं।
संधि स्थगन के बाद बढ़ गया था तनाव
हाल ही में भारत द्वारा Indus Water Treaty स्थगन की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया था। भारत ने शुक्रवार को हेग कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा था कि उसने पाकिस्तान के साथ किसी भी तथाकथित विवाद समाधान ढांचे को मान्यता नहीं दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की यह पहल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत हो सकती है, बशर्ते भारत भी राजनयिक स्तर पर जवाब दे।
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