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पंजाब की 'आप' सरकार ने अपने लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर ली है। मामला NRI मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से जुड़ा है। मंत्री करीब 20 महीने से एक ऐसे विभाग का नेतृत्व कर रहे थे, जो केवल कागजों पर ही था और जिसमें स्टाफ का आवंटन नहीं था। यह तथ्य शुक्रवार को मुख्य सचिव द्वारा जारी गजट अधिसूचना में सामने आया, जिसमें कहा गया कि धालीवाल को आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग अस्तित्व में ही नहीं है। अब इसे लेकर भाजपा हमलावर हो गई है।
Punjab minister Kuldeep Singh Dhaliwal to hold the portfolio of NRI Affairs only. Department of Administrative Reforms, which was earlier allocated to Dhaliwal, is no longer in existence, as per the Punjab government Gazette notification. pic.twitter.com/3oX8vMVJ20
— ANI (@ANI) February 21, 2025
अधिसूचना में हुआ मंत्रालय का खुलासा
अधिसूचना में कहा गया है, "मंत्रियों के बीच विभागों के आवंटन के संबंध में पिछली पंजाब सरकार की अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए, धालीवाल को पहले आवंटित प्रशासनिक सुधार विभाग आज की तारीख में अस्तित्व में नहीं है।" अधिसूचना में कहा गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आदेश पर धालीवाल के पोर्टफोलियो में संशोधन का निर्णय 7 फरवरी, 2025 से प्रभावी होगा।
अस्तित्वहीन विभाग के मंत्री
अब धालीवाल केवल एनआरआई मामलों के विभाग का प्रभार संभालेंगे। इससे पहले, धालीवाल के पास कृषि और किसान कल्याण विभाग था। मई 2023 में कैबिनेट फेरबदल में उन्हें प्रशासनिक सुधार विभाग दिया गया। सितंबर 2024 में एक और कैबिनेट फेरबदल में धालीवाल को “अस्तित्वहीन” विभाग दिया गया।
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भाजपा ने आम आदमी पार्टी को घेरा
विपक्षी भाजपा ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली 'आप' सरकार को घेरा और इस फैसले को "केजरीवाल मॉडल" करार दिया। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को ढोंगी बताया।उन्होंने तंज कसते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, "आप पंजाब सरकार में संकट की कल्पना कर सकते हैं, यदि उन्हें यह समझने में 20 महीने लग गए कि उसके एक प्रमुख मंत्री को सौंपा गया विभाग वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं था।" पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा, "पंजाब में ऐसी चीजें हो रही हैं क्योंकि इसे दिल्ली में रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है।"
"प्रशासनिक सुधार मंत्री, लेकिन मंत्रालय नहीं"
इस फैसले पर तंज कसते हुए पत्रकार कंचन गुप्ता ने शनिवार को एक्स पर लिखा, "पंजाब में प्रशासनिक सुधार मंत्री तो थे लेकिन प्रशासनिक सुधार मंत्रालय नहीं था। सीएम भगवंत मान की अगुआई वाली आप सरकार को इस बात की जानकारी तब तक नहीं थी, जब तक कि उसने प्रशासनिक सुधार मंत्री का टैग नहीं मिटा दिया। यह केजरीवाल मॉडल है।"
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