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Rekha Gupta: छात्र राजनीति से CM तक का सफ़र, जानें नई मुख्यमंत्री का सफरनामा

Delhi की नई CM चुनी गईं रेखा गुप्ता भले ही पहली बार विधायक बनी हों, लेकिन politics में उनकी पारी लंबी रही है। छात्र राजनीति से शुरू हुई उनकी पारी आज दिल्ली की CM की कुर्सी तक पहुँच गई है।

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Vibhoo Mishra
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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भाजपा नेत्री रेखा गुप्ता को बुधवार शाम दिल्ली भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया है । भले ही रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हों, लेकिन राजनीति में उनकी लंबी पारी रही है। छात्र राजनीति से शुरू हुई उनकी पारी आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीएम की कुर्सी तक पहुँच गई है। 50 वर्षीय गुप्ता ने हाल के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट 29,595 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। गुप्ता दिल्ली भाजपा के उन कई नेताओं में से एक थीं , जिन्हें सीएम पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा था। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, दिल्ली भाजपा महासचिव आशीष सूद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय और जितेंद्र महाजन कुछ अन्य दावेदार थे।

क्या है रेखा गुप्ता का Political Carrier

रेखा गुप्ता एक अनुभवी भाजपा नेता हैं जिनका लंबा राजनीतिक करियर छात्र राजनीति से जुड़ा है। वर्तमान में दिल्ली भाजपा के महासचिव के रूप में कार्यरत, 50 वर्षीय पहले भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। पेशे से वकील रेखा गुप्ता बचपन में पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन (आरएसएस) के स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गई थीं। उन्होंने 1996 से 1997 तक दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष के रूप में राजनीति में अपनी यात्रा शुरू की। बाद में उन्होंने नगर निगम की राजनीति में कदम रखा, 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद चुनाव जीता और 2012 में फिर से चुनाव जीता। उन्होंने दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर के रूप में भी काम किया है, जिससे उनकी प्रशासनिक साख और मजबूत हुई है।

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कुछ यूं रहा सियासी सफर  

1995-96 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बनीं। इसके बाद 2003-04 में भाजपा युवा मोर्चा की दिल्ली इकाई से जुड़ीं और यहां सचिव पद पर रहीं। 2004 से 2006 तक उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव के तौर पर जिम्मेदारी निभाई। 2007 में उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं। फिर 2007 से 2009 तक एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष रहीं। इसके बाद 2009 में पार्टी ने उन्हें दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव बनाया और अगले ही साल 2010 में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दे दी। 2012 में वह उत्तरी पीतमपुरा वॉर्ड-54 से फिर पार्षद बनीं।

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इन विधानसभा चुनावों में मिली थी हार 

रेखा गुप्ता को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से चुनाव में उतारा गया। जहां 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया तो वहीं 2020 में उनकी हार का अंतर 3400 वोट के करीब था।

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दो हार के बाद 2025 में चखा जीत का स्वाद 

2025 के विधानसभा चुनाव में रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हरा दिया। उन्हें 68,200 वोट मिले थे।

क्या है BJP की रणनीति 

रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा महिला मुख्यमंत्रियों की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली ने कई महिला मुख्यमंत्रियों को देखा है, जिनमें कांग्रेस की शीला दीक्षित का 15 साल का शासन भी शामिल है। दिल्ली की अन्य महिला सीएम आप की आतिशी और भाजपा की सुषमा स्वराज थीं। रेखा गुप्ता को सीएम के रूप में चुनना चुनावी राजनीति और नीतियों में महिलाओं के लिए भाजपा की प्राथमिकता के अनुरूप भी है। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिए, भाजपा ने नौ महिला उम्मीदवार मैदान में उतारीं। चार महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।

एक बड़ा कारण ये भी

दिल्ली बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी और परवेश वर्मा जैसे नेताओं के उलट रेखा गुप्ता के साथ कोई विवाद नहीं जुड़ा है। वह एक नया चेहरा भी हैं क्योंकि उन्होंने संसदीय चुनाव नहीं लड़ा है और दिल्ली के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए एक नए चेहरे के रूप में आदर्श हैं। पार्टी सूत्र बतातें हैं कि रेखा गुप्ता आरएसएस की भी पहली पसंद थीं, जिससे बीजेपी हाईकमान भी संतुष्ट दिखा और लम्बी जद्दोजहद के बाद अंत में उनके नाम पर मुहर लग गई।  

दिल्ली में भी PM Modi ने चौंकाया 

पूर्व के चुनावों की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली चुनाव के बाद भी ना सिर्फ दिल्ली की जनता को बल्कि खुद अपनी पार्टी के नेताओं को भी चौंका दिया है। जिस तरह उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुराने सीनियर लीडर्स को दरकिनार कर नए चेहरों को सीएम की कुर्सी पर आसीन किया ठीक उसी तरह का फैसला उन्होंने दिल्ली में रेखा गुप्ता को सीएम बनाकर लिया है। हरियाणा में भी पीएम ने अनिल विज जैसे वरिष्ठ नेता को दरकिनार करते हुए युवा नवाब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया था। रातोंरात लिए इस फैसले ने सबको हैरत में डाल दिया था।

 

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