/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/20/bihar-assembly-elction-2025-06-20-18-32-59.jpg)
नई दिल्ली , वाईवीएन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सियासी दलों ने अपनी राजनीति और रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है । इसकी शुरुआत उन्होंने महागठबंधन में अपने लिए सीटों के दावों के साथ की है । सत्तारूढ़ एनडीए से इतर महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी खींचतान जारी है। हालिया बयानों और हालातों पर नजर डालें तो 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में राजद विपक्ष का मुख्य चेहरा बनकर अपने हिस्से में करीब 150 सीटों पर दावेदारी कर रहा है। पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो नजर आ रहा है कि तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनावों में विपक्ष का मुख्य चेहरा बन गए हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि महागठबंधन के साथी दलों के साथ कई दौर की बैठकों के बाद भी तेजस्वी सीट बंटवारे पर अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, राजद की बढ़ती धमक के आगे कांग्रेस हो या लेफ्ट की अन्य पार्टियां , सभी सरेंडर करती नजर आ रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष बोले – सीएम चेहरा हमारे माइंड में
असल में, बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन के दलों की बैठकों का दौर तो चल रहा है, लेकिन अभी गठबंधन की ओर से सीएम का चेहरा कौन होगा? इसका ऐलान नहीं किया गया है। इस सबके बीच बिहार के कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने पत्रकारों से बातचीत में साफ कहा कि आप लोगों के दिमाग में सीएम चेहरे को लेकर संशय होगा, लेकिन हमारे दिमाग में नहीं है। हमारे दिमाग में नाम और चेहरा सब साफ है। इस दौरान, उन्होंने किसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनकी बातचीत से साफ नजर आया कि वह कह तेजस्वी के लिए ही रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार हम सब मिलकर 243 सीटों पर एकजुट होकर लड़ेंगे । हम सीटों पर खड़े होने वाले हर उम्मीदवार को अपनी ही पार्टी का उम्मीदवार समझकर उसके लिए चुनाव प्रचार करेंगे । हालांकि जब उनसे कांग्रेस की सीटों को लेकर बात की गई तो वह सवाल को टाल गए।
आशंकाओं से घिरी है कांग्रेस
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर एनडीए और महागठबंधन के दोनों ही धड़ों के सहयोगी अब अपनी अपनी दावेदारी के लिए सियासी रणनीति बनाते नजर आ रहे हैं । चाहे एनडीए में लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान हों, या महागठबंधन के कुछ सहयोगी दल, लेकिन इस सबके बीच कांग्रेस एक अकेली ऐसी पार्टी नजर आ रही है, जो आशंकाओं से घिरी हुई है । असल में कांग्रेस आगामी चुनावों में करीब पिछली बार की तरह ही 70 सीटों पर नजर बनाए हुए है, लेकिन खबर निकल कर आ रही है कि तेजस्वी यादव कांग्रेस को 40 सीटों के आसपास ही देने के लिए राजी हुए हैं। हालांकि इसे लेकर लगातार आशंकाओं का बाजार गर्म है । सीट बंटवारे को लेकर तेजस्वी के साथ राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठकें तो हुई हैं , लेकिन अभी तक कोई ठोस फैसला सामने नहीं आया है। कांग्रेस ने तेजस्वी को विपक्ष का मुख्य चेहरा मान लिया है, साथ ही अपनी सीटों को लेकर वह अभी भी तेजस्वी के फैसले पर ही टिकी है।
राजद के लिए मुस्लिम-यादव फैक्टर अहम
राजद को बिहार में विपक्ष का मुख्य चेहरा इसलिए भी कहा जा रहा है, क्योंकि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी मुस्लिम-यादव फैक्टर पर मजबूती से काम करती रही है । पिछले विधानसभा चुनावों की ही बात करें तो बिहार में राजद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी । 243 सीटों वाली विधानसभा में राजद ने अकेले 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन सीटों पर उनका मुस्लिम यादव फैक्टर जमकर चला था। इसलिए इस बार तेजस्वी ही महागठबंधन के मुखिया बन गए हैं।
लेफ्ट पार्टियां मजदूर-ग्रामीणों तक सीमित
अगर बात बिहार में महागठबंधन की सहयोगी लेफ्ट पार्टियों की करें तो वह भी मौजूदा वक्त में मजबूत स्थिति में तो नजर नहीं आ रही हैं । अगर सीपीआई और सीपीआई (एम) पर नजर डालें तो दोनों ही दल महज 2-2 सीटें जीत पाए थे। इन दलों का प्रभाव सीमित है। वह भी ग्रामीण और मजबूत वर्ग पर ही। हालांकि 2020 के चुनावों में सीपीआई (एमएल) ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उनकी स्थिति भी अच्छी नहीं दिख रही। ऐसे में लेफ्ट पार्टियां भी तेजस्वी के आगे सरेंडर ही कर बैठी हैं।
2025 election Bihar | 2025 Bihar Polls Preparation | 2025 assembly election Bihar | 2020 Bihar Election Review | 1500 MW electricity Bihar | Assembly election Bihar not present in content