Advertisment

TMC सांसद साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी से मांगी माफी, देंगे 50 लाख का जुर्माना, जानिए क्या है मामला?

टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने पूर्व राजदूत लक्ष्मी पुरी के खिलाफ गलत आरोप लगाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर बिना शर्त माफी मांगी। कोर्ट ने उन्हें 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जानिए पूरा मामला क्या है।

author-image
Pratiksha Parashar
TMC MP Saket Gokhle
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क TMC सांसद साकेत गोखले ने पूर्व भारतीय राजदूत लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगी है। यह माफ़ी दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले के बाद आई है, जिसमें गोखले पर झूठे और अपमानजनक आरोप लगाने का दोष तय किया गया था। कोर्ट ने उन्हें ₹50 लाख रुपये हर्जाने के रूप में भुगतान करने और माफ़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।

Advertisment

मुझे खेद है...

TMC सांसद साकेत गोखले ने माफी मांगते हुए एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मैं 13 और 23 जून 2021 को राजदूत लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी के खिलाफ़ कई ट्वीट करने के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगता हूं, जिसमें राजदूत पुरी द्वारा विदेश में संपत्ति खरीदने के संबंध में गलत और असत्यापित आरोप शामिल थे, जिसका मुझे ईमानदारी से खेद है।"

Advertisment

क्या है मामला?

मामला जून 2021 का है, जब साकेत गोखले ने X पर लक्ष्मी पुरी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि पुरी ने विदेश में अवैध तरीके से संपत्ति खरीदी है और इसकी जानकारी छुपाई गई है। लक्ष्मी पुरी, जो कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की पूर्व स्थायी प्रतिनिधि और वर्तमान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं, ने इन आरोपों को न केवल झूठा बल्कि बदनाम करने वाला बताते हुए कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया।

सोशल मीडिया पर छवि को नुकसान पहुंचाना दंडनीय

Advertisment

दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि गोखले ने जिन तथ्यों के आधार पर ट्वीट किए, वे पूरी तरह असत्य और असत्यापित थे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाना, वह भी बिना साक्ष्य के, न केवल अनैतिक है, बल्कि दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि गोखले न केवल ट्विटर पर सार्वजनिक माफ़ी मांगें, बल्कि यह माफ़ीनामा अगले छह महीने तक उनके ट्विटर प्रोफ़ाइल पर पिन किया जाए और एक राष्ट्रीय अख़बार में भी प्रकाशित किया जाए। court | politics 

politics tmc court
Advertisment
Advertisment