हैदराबाद, वाईबीएन नेटवर्क। नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ ED ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। आरोपपत्र दाखिल किए जाने को लेकर कांग्रेस विरोध जता रही है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को हैदराबाद में ED कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
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पुणे में रेल रोको प्रदर्शन
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने की निंदा करते हुए शुक्रवार को पुणे शहर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। पुणे में युवा कांग्रेस के लगभग 60 सदस्यों ने 'रेल रोको' प्रदर्शन किया। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खड़की रेलवे स्टेशन पर पुणे-लोनावाला लोकल ट्रेन को रोक दिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
बांसुरी स्वराज का बड़ा बयान
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा, "नेशनल हेराल्ड मामले में ED द्वारा दायर की गई चार्जशीट सत्ता के दुरुपयोग का एक बहुत ही गंभीर उदाहरण है। यह कांग्रेस की पुरानी सोच को दर्शाता है, जहां वह सेवा की आड़ में सार्वजनिक संस्थानों का दुरुपयोग करती है और उन्हें अपने स्वयं के धन को बढ़ाने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग करती है। इस मामले की जांच करना बहुत जरूरी है और कांग्रेस पार्टी को देश की जनता के सामने और 25 अप्रैल को अदालत के सामने जवाब देना है।"
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
भाजपा नेता सु्ब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर 2013 में नेशनल हेराल्ड मामले में केस दर्ज किया गया था। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं पर आरोप है कि 2010 में एजेएल नामक कंपनी के जरिए लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अवैध रूप से हड़पने की योजना बनाई गई। कंपनी के 99% शेयर महज 50 लाख रुपये में 'यंग इंडियन' नाम की निजी कंपनी को ट्रांसफर कर दिए गए। यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कुल 76% हिस्सेदारी थी। 24% हिस्सेदारी मोतीलाल वोहरा और ऑस्कर फर्नांडीस की थी। ये सभी कांग्रेस नेता हैं। आरोप यह है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एजेएल को पहले 90.21 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसे बाद में 9.02 करोड़ रुपये के शेयरों में बदलकर यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में दे दिया गया। 2017 में जांच के दौरान पाया गया कि यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्ति लेकर 414 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी की है।