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भारत और पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने जारी किया स्मारक डाक टिकट, जानिए क्या है इसकी खासियत?

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने सोमवार को एक साथ एक खास स्मृति टिकट जारी किया। यह टिकट दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 50वीं सालगिरह के मौके पर जारी किया गया।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पुर्तगाल के राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा ने सोमवार को एक साथ एक खास स्मृति टिकट जारी किया। यह टिकट दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 50वीं सालगिरह के मौके पर जारी किया गया। इन टिकटों में दोनों देशों की पारंपरिक वेशभूषा को सुंदर तरीके से दिखाया गया है। राष्ट्रपति भवन ने कहा कि ये टिकट "भारत और पुर्तगाल की समृद्ध कलात्मक और सांस्कृतिक विरासत" को दर्शाते हैं।

डाक टिकट में क्या है खास?

एक टिकट में एक पुर्तगाली महिला को लाल रंग के खास परिधान 'वियाना डू कास्टेलो' में दिखाया गया है, जबकि दूसरे टिकट में एक भारतीय महिला को काले कढ़ाई वाले कालबेलिया परिधान में दिखाया गया है। दोनों नेता पुर्तगाल के राष्ट्रपति के घर ‘पैलेसियो डी बेलेम’ में मिले, और उसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई।

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भारत ने अब तक कितने डाक टिकट जारी किए?

भारतीय डाक विभाग के महानिदेशक जितेन्द्र गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस तरह के स्मृति टिकट को संयुक्त रूप से जारी करना एक ‘‘दुर्लभ और महत्वपूर्ण अवसर’’ है, क्योंकि भारतीय डाक ने 1991 से अब तक केवल 35 ऐसे टिकट जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक कुल 2,765 डाक टिकट जारी किए गए हैं, जिनमें से 877 टिकट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की स्मृति में और 316 टिकट संस्थाओं की याद में जारी किए गए हैं।

टिकट जारी करने का महत्व

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जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र, आईएलओ (अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन), यूनिसेफ, यूपीयू (यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन) जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर 32 टिकट जारी किए गए हैं, जो वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को रेखांकित करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच राजनयिक संबंधों की पुनः स्थापना के 50 वर्ष पर संयुक्त डाक टिकट जारी करना इस परंपरा में एक शानदार वृद्धि है। यह कार्यक्रम एक विशिष्ट सेतु का निर्माण करता है, जो दोनों देशों के बीच साझा विषयों और ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मनाता है।

भौगोलिक और राजनीतिक सीमाओं से परे हैं टिकट

उन्होंने कहा कि ये टिकट भौगोलिक और राजनीतिक सीमाओं से परे हैं तथा दोनों देशों के बीच संवाद, समझ और सद्भावना का स्थायी प्रतीक हैं। राष्ट्रपति मुर्मू की सोमवार को शुरू हुई पुर्तगाल की दो दिवसीय राजकीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और यूरोप के बीच संपर्क बढ़ रहा है और दोनों पक्षों को इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की उम्मीद है। 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का लिस्बन दौरा

लिस्बन के ऐतिहासिक ‘प्रा डू इम्पेरियो स्क्वायर’ पर राष्ट्रपति को रस्मी सलामी गारद प्रदान किए जाने के साथ उनका दौरा शुरू हुआ। सुबह में, राष्ट्रपति मुर्मू ने पुर्तगाल के राष्ट्रीय कवि लुइस वाज डी कैमोस को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, मोस्टेइरो डॉस जेरोनिमोस में उनकी कब्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति मुर्मू पुर्तगाल और स्लोवाकिया की अपनी चार दिवसीय राजकीय यात्रा के पहले चरण में रविवार को लिस्बन पहुंचीं। करीब तीन दशकों में भारत के राष्ट्रपति की दोनों देशों की यह पहली यात्रा है। भारत के राजदूत पुनीत आर कुंडल और पुर्तगाल के राजदूत जोआओ रिबेरो डी अल्मेडा ने फिगो मादुरो के सैन्य हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। 

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