PM Modi आज आनंदपुर धाम में मनाएंगे वैशाखी, जानिए इस आश्रम की खासियत
पीएम Modi परमहंस अद्वैत मत के प्रमुख गुरु महात्मा शब्द प्रेमानंद जी से मुलाकात करेंगे। पीएम इसके साथ ही आश्रम द्वारा संचालित सेवा प्रकल्पों की जानकारी भी लेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र बनारस में जनसभा को संबोधित करने के बाद मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के ईसागढ़ के पास स्थित आनंदपुर धाम में वैशाखी पर्व मनाने पहुंचेंगे। इस दौरान PM Modi परमहंस अद्वैत मत के प्रमुख गुरु महात्मा शब्द प्रेमानंद जी और अन्य संतों से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इसके साथ ही आश्रम द्वारा संचालित सेवा प्रकल्पों की जानकारी भी लेंगे। वैशाखी मेले में करीब 20,000 श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
प्रतिष्ठित आध्यात्मिक केंद्र है आनंदपुर धाम
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आनंदपुर धाम अपनी विशेष व्यवस्था और आध्यात्मिक वातावरण के लिए देश ही नहीं दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना 1930 के आसपास गुरु स्वरूप आनंद महाराज ने की थी। इस विशाल आश्रम की शुरुआत एक छोटी-सी झोपड़ी से हुई थी, जो आज लगभग 1500 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। यह परमहंस अद्वैतानंद महाराज का समाधि स्थल है, जो अद्वैत मत के प्रमुख संतों में से एक माने जाते हैं। इस आश्रम के अनुयायी न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी फैले हुए हैं।
Photograph: (Google)
कार्यक्रम की सुरक्षा और व्यवस्था के बारे में भी जानें
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कार्यक्रम निजी है। आनंदपुर धाम दौरे के दौरान प्रधानमंत्री न तो कोई जनसभा संबोधित नहीं करेंगे और न ही आम लोगों से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री के लिए आश्रम में चार हेलीपैड तैयार किए गए हैं। आश्रम में आने-जाने वाले आगंतुकों के लिए अलग रास्ते तय किए जाते हैं और मंदिर दर्शन के लिए खास वाहन सुविधा भी उपलब्ध है। सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी है, और बिना अनुमति किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश संभव नहीं है।
जानिए क्या है आश्रम की खासियत
आपको बता दें यह आश्रम पांच प्रमुख गुरुओं के मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो चारों ओर से जलाशयों से घिरे हुए हैं। इसमें तीन निजी बस स्टैंड, वाहनों के लिए वर्कशॉप, फायर ब्रिगेड, सीसीटीवी निगरानी, निजी सुरक्षा, चौड़ी और साफ सड़कें, सुंदर उद्यान और आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। यहां करीब 1300 से 1500 साधु-संत निवास करते हैं।आश्रम के तहत 1954 में आनंदपुर धाम ट्रस्ट की स्थापना हुई थी, जो इसकी संपत्तियों और कार्यों का संचालन करता है। ट्रस्ट के माध्यम से स्कूल और अस्पताल भी संचालित किए जाते हैं। आश्रम की वृद्धि के साथ-साथ इसकी सेवा गतिविधियों का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है।