Advertisment

PM Modi-Trump की बातचीत पर उठे सवाल, ‘ट्रंप के दावे से सरकार की चुप्पी पर बवाल

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बात की और एक युद्ध को रुकवाया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड डील होने वाली है।

author-image
Ranjana Sharma
Vikram (8)
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिससे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने "लड़ाई रुकवा दी, मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कल रात बात की, हम जल्द ही ट्रेड डील साइन करने जा रहे हैं। ट्रंप के इस बयान ने जहां मोदी सरकार के प्रचार तंत्र की हवा निकाल दी, वहीं विदेश सचिव द्वारा दी गई टेलीफोनिक बातचीत की आधिकारिक जानकारी को भी सवालों के घेरे में ला दिया है।
Advertisment

विदेश मंत्रालय की विश्वसनीयता पर उठे सवाल

विदेश सचिव ने कुछ दिन पहले पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच आधे घंटे की टेलीफोनिक बातचीत का ब्यौरा जारी किया था। जिसमें वैश्विक स्थिति रणनीतिक साझेदारी और व्यापार पर चर्चा की बात कही गई थी। लेकिन ट्रंप के सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयानों से यह स्पष्ट होता है कि बातचीत के स्वरूप और संदेश दोनों को लेकर भारी अंतर है। अब सवाल यह उठता है कि क्या भारत का विदेश मंत्रालय और स्वयं प्रधानमंत्री इतना भी प्रभाव नहीं रखते कि वे अमेरिकी नेता को भारत का पक्ष स्पष्ट रूप से समझा सकें?

भारत को पाकिस्तान के साथ ‘हायफनेट’ किया, अब मोदी को भी

Advertisment
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को पाकिस्तान के साथ एक ही फ्रेम में रखा हो। पहले भी उन्होंने यह दावा किया था कि उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश की थी और प्रधानमंत्री मोदी से इस पर बात हुई थी जिसे भारत सरकार ने तब खारिज किया था। अब ट्रंप ने न सिर्फ भारत को फिर से पाकिस्तान के साथ हायफनेट किया, बल्कि मोदी और पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति मुनीर को एक ही breath में लिया। सरकार की ओर से इस बार भी कोई कड़ा खंडन सामने नहीं आया है। विपक्ष ने जरूर सरकार की इस चुप्पी को प्रधानमंत्री की कूटनीतिक विफलता बताया है।

क्या ट्रंप के सामने खामोश हैं मोदी?

ट्रंप अपने बयानों को किसी गोपनीय बातचीत का हिस्सा नहीं बना रहे वे इसे खुले मंच से बार-बार दोहरा रहे हैं। ऐसे में केवल विदेश मंत्रालय या प्रवक्ता के माध्यम से प्रतिक्रिया देने की बजाय खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्वजनिक रूप से इन दावों का खंडन करना चाहिए। यह सिर्फ एक टेलीफोन कॉल की बात नहीं है  यह भारत की गरिमा, नेतृत्व की विश्वसनीयता और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी स्थिति का प्रश्न है।
Advertisment

विपक्ष का हमला

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का इस तरह ट्रंप द्वारा बार-बार सार्वजनिक रूप से जिक्र किया जाना और उस पर चुप्पी साध लेना, देश की गरिमा के लिए खतरा है। मोदी सरकार सिर्फ प्रचार में माहिर है, जब असली कूटनीति की परीक्षा आती है, वह चुप्पी साध लेती है। pm modi
pm modi
Advertisment
Advertisment