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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:भारतीय डाक विभाग आज भी देश में पत्र और दस्तावेज भेजने का सबसे भरोसेमंद और सस्ता माध्यम माना जाता है। खासतौर पर इसकी रजिस्ट्री सेवा जो न केवल सुदूर इलाकों तक पहुंच रखती है, बल्कि जॉब ऑफर, लीगल नोटिस और सरकारी दस्तावेज भेजने के लिए बेहद विश्वसनीय मानी जाती है। ये सेवा इतने कम खर्च में मिलती थी कि अक्सर ‘खुल्ले’ पैसों में ही काम निपट जाता था।
1 सितंबर से हो जाएगी बंद
डाक विभाग ने रजिस्ट्री सेवा को 1 सितंबर 2025 से समाप्त करने का फैसला किया है। इस सेवा को अब स्पीड पोस्ट में विलय कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अब नागरिक रजिस्ट्री की तरह सस्ते दाम पर दस्तावेज या पार्सल नहीं भेज सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, जहां पहले 20 ग्राम का पार्सल सिर्फ 26-27 रुपये में रजिस्ट्री से भेजा जा सकता था, वहीं अब इसके लिए स्पीड पोस्ट के जरिए 41 रुपये चुकाने होंगे यानी करीब 75 फीसदी ज्यादा खर्च।
डाक विभाग अपने आईटी सिस्टम को अपग्रेड कर रहा
डाक विभाग के उप महानिदेशक (मेल) दुष्यंत मुदगिल ने इस संबंध में देशभर के पोस्टमास्टरों को पत्र भेजकर जानकारी दी है। उनके अनुसार, यह निर्णय सेवाओं को सुव्यवस्थित करने और परिचालन को अधिक दक्ष बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। विभाग का मानना है कि दो समानांतर सेवाओं (रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट) के संचालन में अतिरिक्त मैनपावर लग रहा था, जिसे अब एकीकृत किया जा रहा है। हालांकि, इस बदलाव के साथ डाकघर में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की शुरुआत भी हो रही है। अगस्त से डाक विभाग अपने आईटी सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है, जिससे पोस्ट ऑफिस में UPI जैसे डिजिटल पेमेंट माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा। इससे ग्राहकों को नकद भुगतान में आने वाली दिक्कतों से राहत मिलेगी अब छुट्टे की टेंशन नहीं होगी।