नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन होता है। यह दिन हर भारतीय के लिए बहुत खास होता है। इस दिन सभी के अंदर एक अलग ऊर्जा देखने को मिलती है। इस बार हम 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। बता दें, हमारे देश ने पहली बार 26 जनवरी, 1950 में मनाया था, क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, तब से ही ये दिन हर जगह एक जश्न की तरह मनाया जाता है।
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साथ ही, दिल्ली के कर्तव्य पथ पर बड़ी परेड होती है, जिसमें झांकियां निकाली जाती हैं और देश के राष्ट्रपति द्वारा सलामी दी जाती है। इस परेड में बच्चों का एक खास अंदाज देखने को मिलता है, जिसे देख हर कोई आकर्षित होता है। बता दें, बच्चों को कर्तव्य पथ पर परेड में चयन करने के लिए एक खास प्रक्रिया होती है, जिसके बाद ही वह इस परेड में भाग ले सकते हैं, तो आइए जानते हैं क्या है वह चयन का प्रोसेस
ऐसे होता है बच्चों का चयन
26 जनवरी के दिन परेड में भाग लेने के लिए हर बच्चा काफी उत्साहित नजर आता है। वहीं, परेड में भाग लेने के लिए बच्चों का चयन स्कूल द्वारा किया जाता है, जिसमें बच्चों के फिटनेस, सिंगिंग, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और मार्चिंग जैसी चीजों के गुणों को देखा जाता है क्योंकि ये पूरी प्रक्रियां उसी के आधार पर होती है।
बच्चों को दी जाती हैं अच्छी ट्रेनिंग
गणतंत्र दिवस के लिए स्कूलों से बच्चों की चयन के बाद उन्हे ट्रेनिंग दी जाती हैं, जिसमें उन्हें मार्चिंग, कदम ताल और सही मुद्रा में चलना सिखाया जाता है। साथ ही, बच्चों को गणतंत्र दिवस के इतिहास और महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाती है। बता दें, ट्रेनिंग के लिए बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेनिंग कैंप में भेजा जाता है। जहां बच्चों को एक साथ चीजें सीखने और अभ्यास करने का मौका दिया जाता है। इस वजह से वो एक बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं। बता दें, परेड वाले दिन से पहले बच्चों की कैसी ट्रेनिंग हुई है इसकी जांच नौसेना और वायुसेना के प्रशिक्षक द्वारा किया जाता है, जिसकी वजह से यह पता चलता है कि नका प्रदर्शन उच्च मानकों पर है या नहीं। बता दें, बच्चों का चयन कई तरह के कार्यक्रमों के लिए किया जाता है, जिसमें सांस्कृतिक झांकियों और संगीत कार्यक्रमों का नाम भी शामिल हैं। इसमें वह भारत के विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों का प्रदर्शन करते हैं।