Repblic Day:कर्तव्य पथ पर दुनिया ने देखी भारत की सैन्य शक्ति और समृद्ध संस्कृति की झांकी
Repblic Day: पूरी दुनिया भारत की सैन्य शक्ति,समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक उन्नति का साक्षी बना। भारत संविधान के लागू होने की 'प्लेटिनम जुबली' भी 26 जनवरी को मना रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे।
Repblic Day: देश के 76 वें गणतंत्र दिवस पर रविवार को कर्तव्य पथ पर पूरी दुनिया भारत की सैन्य शक्ति,समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आर्थिक उन्नति का साक्षी बना। भारत संविधान के लागू होने की 'प्लेटिनम जुबली' भी 26 जनवरी को मना रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे औरपरेड में इंडोनेशिया का मार्चिंग दस्ता और बैंड के एक दल ने भी भाग लिया। आज के समारोह का मुख्य आकर्षण भारतीय वायुसेना के विमानों का शानदार 'फ्लाई-पास्ट' प्रदर्शन होगा, जो समारोह में आए अतिथियों और दर्शकों को रोमांच से भर देगा। यह आयोजन भारत की वायु शक्ति, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, और आधुनिक सैन्य तकनीक का अद्वितीय मेल प्रस्तुत करेगा। यह देश की शक्ति, प्रगति, और एकता का प्रतीक बनकर राष्ट्र के गौरव को दर्शाएगा।
Photograph: (google)
सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले चौथे राष्ट्रपति
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सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने वाले इंडोनेशिया के चौथे राष्ट्रपति होंगे। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में, भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस वर्ष समारोहों का मुख्य आकर्षण संविधान का 75 साल पूरा होना है, लेकिन झांकियों का विषय 'स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास' है। रविवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां और केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और संगठनों की 15 झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। देश अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन ब्रह्मोस, पिनाक और आकाश सहित कुछ अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करेगा। साथ ही, सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली 'संजय' और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल 'प्रलय' पहली बार परेड में शामिल की जाएगी।
टी-90 'भीष्म' टैंक, सारथ (पैदल सेना ले जाने वाला वाहन बीएमपी-2), ‘शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम’10 मीटर, नाग मिसाइल सिस्टम, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर सिस्टम ‘अग्निबाण’ और ‘बजरंग’ (हल्का विशिष्ट वाहन) भी परेड का हिस्सा बने। परेड में कई अन्य चीजें भी पहली बार देखने को मिलेंगी, जैसे तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) की झांकी, जो सशस्त्र बलों के बीच 'तालमेल' को दर्शाएगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झांकी में युद्ध के मैदान का परिदृश्य दिखाया जाएगा, जिसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस लड़ाकू विमान और उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के साथ थल, जल और वायु में समन्वित अभियान का प्रदर्शन किया जाएगा। तीनों सेनाओं की झांकी का विषय 'सशक्त और सुरक्षित भारत' होगा।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, डीआरडीओ ‘रक्षा कवच -बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय सुरक्षा’विषय पर एक झांकी पेश करेगा। छब्बीस जनवरी का दिन इसलिए भी खास है कि संविधान के लागू होने के 75 साल पूरे हो रहे हैं। संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया था। परेड से पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय समर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। परेड सुबह राष्ट्रीय सलामी के साथ शुरू होगी और 90 मिनट तक जारी रहेगी, जो भारत की विरासत और विकास यात्रा को दर्शाएगी। सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, सी-295, सी-17 ग्लोबमास्टर, पी-8आई, मिग-29 और एसयू-30 सहित अन्य विमान भी समारोह का हिस्सा होंगे।
'सारे जहां से अच्छा' की धुन से गूंजा कर्तव्य पथ
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, औपचारिक परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाले वाद्ययंत्रों पर 'सारे जहां से अच्छा' की धुन बजाकर की जाएगी। दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार परेड कमांडर होंगे, जबकि परेड सेकेंड-इन-कमान, दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ (सीओएस) मेजर जनरल सुमित मेहता होंगे। मेजर जनरल मेहता ने कहा कि इस कार्यक्रम में कई अत्याधुनिक सैन्य साजोसामान और देश की विरासत को दर्शाती जीवंत झांकियों के साथ भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो परमवीर चक्र विजेता- दोनों ही कारगिल युद्ध के नायक- और एक अशोक चक्र विजेता परेड का हिस्सा होंगे। फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना के 40 विमान और भारतीय तटरक्षक बल के तीन डोर्नियर विमान शामिल होंगे।
कैप्टन रितिका खरेता बनी मार्चिंग टुकड़ी की कमांडर
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व घुड़सवार टुकड़ी, आठ मशीनीकृत टुकड़ियां और छह मार्चिंग दस्ता करेंगे। मार्चिंग दल में ब्रिगेड ऑफ़ द गार्ड्स की टुकड़ियां, जाट रेजिमेंट, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट, जेएंडके (जम्मू कश्मीर) लाइट इन्फेंट्री (जेएकेएलआई) रेजिमेंट और इंजीनियर्स कोर की टुकड़ियां शामिल होंगी। कैप्टन रितिका खरेता सेना की सिग्नल कोर की मार्चिंग टुकड़ी की कमांडर होंगी। वह अपनी टुकड़ी की एकमात्र महिला सदस्य हैं और बाकी पुरुष हैं। सिग्नल कोर के जांबाजों द्वारा मोटरसाइकिल पर प्रदर्शन भी किया जाएगा। कैप्टन आशीष राणा इसका नेतृत्व करेंगे और कैप्टन डिंपल सिंह भाटी दूसरी पंक्ति में होंगी।