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रॉबर्ट वाड्रा ED के सामने : अब खुलेंगे मनी लॉन्ड्रिंग के गहरे राज़? | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज सोमवार 14 जुलाई 2025 को को एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की पेशी ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। ये मामला भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप से जुड़ा है, जिसकी परतें अब तक पूरी तरह खुल नहीं पाई हैं। इस बार की पूछताछ को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि ED इस मामले में कुछ नए सबूतों और जानकारियों के साथ वाड्रा से सवाल-जवाब कर रही है।
रॉबर्ट वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने लंदन में कुछ संपत्तियां खरीदी थीं, जिनमें कथित तौर पर भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी का पैसा लगा हुआ था। संजय भंडारी, जो अब देश छोड़कर भाग चुका है, पर भारत में कई रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। ED का दावा है कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि वाड्रा और भंडारी के बीच वित्तीय लेनदेन हुए थे। ये मामला सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार से भी जुड़े हो सकते हैं, जो इसे और भी संवेदनशील बनाता है।
Robert Vadra appears before ED for questioning in Sanjay Bhandari linked money laundering case: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) July 14, 2025
ED की तैयारी: क्या हैं इस बार के सवाल?
ED के सूत्रों के मुताबिक, इस बार की पूछताछ में कुछ नए दस्तावेज और डिजिटल सबूतों को आधार बनाया जा रहा है। इनमें बैंक स्टेटमेंट, ईमेल और कुछ कंपनियों से जुड़े दस्तावेज शामिल हो सकते हैं। ED खास तौर पर उन संदिग्ध लेनदेन और संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाना चाहती है, जिनका संबंध संजय भंडारी से बताया जा रहा है। वाड्रा से उन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के बारे में भी गहन पूछताछ की जा रही है और ये जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या इन लेनदेन में किसी तरह की बेनामी संपत्ति का इस्तेमाल किया गया था। ED ये भी जानना चाहती है कि क्या संजय भंडारी ने वाड्रा के नाम पर या उनके माध्यम से किसी और सौदे में पैसा लगाया था।
सियासी प्रतिक्रिया: विपक्ष के निशाने पर सरकार
जैसे ही रॉबर्ट वाड्रा की ED के सामने पेशी की खबर आई, विपक्ष ने इसे सरकार की "बदले की राजनीति" करार देना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार जानबूझकर गांधी परिवार और उनके करीबियों को परेशान कर रही है ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके। उनका आरोप है कि ये सब बिहार चुनावों को देखते हुए किया जा रहा है ताकि विपक्षी नेताओं की छवि खराब की जा सके। हालांकि, भाजपा का कहना है कि एजेंसियां अपना काम स्वतंत्र रूप से कर रही हैं और कानून अपना काम करेगा, चाहे आरोपी कोई भी हो। इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी तेज होना तय है।
अब तक की जांच: कितनी सुलझी हैं गुत्थियां?
यह पहली बार नहीं है जब रॉबर्ट वाड्रा ED के सामने पेश हुए हैं। इससे पहले भी उनसे कई बार इस मामले में पूछताछ हो चुकी है। ED ने इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की है और कुछ संपत्तियों को भी अटैच किया है। हालांकि, अभी तक इस मामले की सभी गुत्थियां सुलझी नहीं हैं और ED को अभी भी कई महत्वपूर्ण जानकारियों की तलाश है। संजय भंडारी के फरार होने से भी जांच में मुश्किलें आ रही हैं, क्योंकि वह इस मामले में एक अहम कड़ी है।
इस पूछताछ के बाद ED के अगले कदम पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। क्या ED इस बार रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाकर कोई ठोस कार्रवाई कर पाएगी? या ये मामला अभी और खिंचेगा? ये देखना दिलचस्प होगा कि ED इस बार किस तरह की जानकारी हासिल कर पाती है और क्या इससे संजय भंडारी के मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का पूरी तरह पर्दाफाश हो पाएगा। इस मामले का नतीजा भारतीय राजनीति और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की साख दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
क्या है संजय भंडारी मामला और वाड्रा का कनेक्शन?
संजय भंडारी: एक भगोड़ा हथियार डीलर जिस पर मनी लॉन्ड्रिंग और रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार का आरोप है।
आरोप: रॉबर्ट वाड्रा ने कथित तौर पर लंदन में कुछ संपत्तियां खरीदीं, जिनमें भंडारी का पैसा लगा था।
ED की जांच: एजेंसी संदिग्ध लेनदेन और संपत्तियों की जांच कर रही है ताकि दोनों के बीच वित्तीय संबंधों का पता लगाया जा सके।
राजनीतिक प्रभाव: इस मामले ने हमेशा भारतीय राजनीति में गरमाहट पैदा की है, जिसमें आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है।
यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके दूरगामी राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। आने वाले समय में इस मामले में कई और खुलासे होने की संभावना है, जो भारतीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकते हैं।
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