Advertisment

Kerala: स्कूलों में जुंबा डांस को लेकर क्यों बरपा है हंगामा, जानिए क्या है माजरा

केरल सरकार ने स्कूलों में जुंबा डांस क्लासेस की शुरुआत की है, इसे लेकर राज्य में बहर छिड़ गई है। कुछ मुस्लिम संगठन जुंबा डांस को लेकर विरोध जता रहे हैं।

author-image
Pratiksha Parashar
एडिट
KERALA ZUMBA DANCE
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क केरल सरकार ने युवाओं को नशे की लत से बचाने और उनके मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। राज्य के स्कूलों में नियमित जुंबा क्लासेस की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की पहल पर शुरू की गई इस एक्टिविटी का उद्देश्य बच्चों के तनाव को कम करना, उन्हें एक्टिव बनाना और नशे की ओर जाने से रोकना है। लेकिन इसे लेकर पूरे राज्य में हंगामा बरपा हुआ है। आइए विस्तार से जानते हैं, क्या है पूरा मामला।

Advertisment

मुस्लिम संगठनों का विरोध

स्कूलों में जुंबा डांस की पहल का कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि स्कूलों में लड़के-लड़कियों का एक साथ नाचना इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ है। 'विज़डम इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन' के महासचिव टी. के. अशरफ ने फेसबुक पर लिखा कि वह और उनका बेटा जुंबा सेशन में भाग नहीं लेंगे।

जुंबा डांस में अश्लीलता

Advertisment

'समस्ता' के एक वरिष्ठ नेता नसर फैज़ी कूड़ाथाय ने भी इस पहल की आलोचना करते हुए कहा कि जुंबा जैसे डांस फॉर्म में अश्लीलता की संभावना है और यह बच्चों के नैतिक मूल्यों के विरुद्ध है। उनका मानना है कि सरकार को शारीरिक शिक्षा को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसी गतिविधियां थोपनी चाहिए जो कुछ समुदायों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं।

सरकार बोली- “खेलने और मुस्कराने दो बच्चों को”

केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इन आलोचनाओं का करारा जवाब दिया। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें हिजाब पहनी हुई छात्राएं जुंबा करती नज़र आ रही हैं। उन्होंने लिखा, “बच्चों को हंसने, खेलने और स्वस्थ रूप से बड़ा होने दो।” शिवनकुट्टी ने कहा कि बच्चों को कम कपड़े पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जा रहा है, वे स्कूल यूनिफॉर्म में ही यह एक्टिविटी कर रहे हैं।

Advertisment

भाजपा ने किया सरकार का समर्थन

इस मुद्दे पर भाजपा नेता वी. मुरलीधरन ने भी सरकार के साथ अपनी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि स्कूलों में क्या पढ़ाया जाए, यह धार्मिक संगठनों के फतवों से तय नहीं किया जा सकता। "धर्म का स्थान अपनी जगह है, लेकिन शिक्षा का उद्देश्य व्यापक और समावेशी होना चाहिए। हमें यह तय करना होगा कि हम बच्चों का कल्याण चाहते हैं या धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देना चाहते हैं। 

क्या है जुंबा?

Advertisment

जुंबा की शुरुआत 1990 के दशक में कोलंबिया के फिटनेस ट्रेनर अल्बर्टो 'बेटो' पेरेज़ ने की थी। एक बार वे अपनी एरोबिक क्लास के लिए सही म्यूजिक लाना भूल गए, तो उन्होंने लैटिन म्यूजिक का इस्तेमाल करते हुए डांस और एक्सरसाइज को मिलाकर एक नया वर्कआउट तैयार किया, जो आज ‘जुंबा’ के नाम से दुनियाभर में मशहूर है। यह वर्कआउट खासतौर पर युवाओं में लोकप्रिय है, क्योंकि यह उन्हें मस्ती के साथ फिट रहने का मौका देता है। kerala | trending news 

trending news kerala
Advertisment
Advertisment