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हथियार डीलर संजय भंडारी भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित, राबर्ट वाड्रा से संबंधों की भी जांच

अदालत ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ के तहत भंडारी को भगोड़ा घोषित किया। इस आदेश से संघीय जांच एजेंसी को मजबूती मिली है, क्योंकि अब ईडी भंडारी की करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क कर सकेगी। विस्तार से पढ़ें....

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Mukesh Pandit
Sanjay Bhandari
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली की एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर ब्रिटेन में रह रहे हथियार कारोबारी संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। अदालत ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ के तहत भंडारी को भगोड़ा घोषित किया। इस आदेश से संघीय जांच एजेंसी को मजबूती मिली है, क्योंकि अब ईडी भंडारी की करोड़ों रुपये की संपत्ति कुर्क कर सकेगी। संजय भंडारी पर राहुल गांधी के बहनोई राबर्ट वाड्रा के साथ कथित संबंध भी रहे है। 

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उसे ‘भगोड़ा’ घोषित करना कानूनी रूप से गलत 

जिला न्यायाधीश (तीस हजारी) संजीव अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि अदालत इस बात से संतुष्ट है कि ‘संजय भंडारी, पुत्र दिवंगत आर के भंडारी, भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 की धारा 12(1) के तहत एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी है और उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के उपरोक्त प्रावधान के तहत ऐसा घोषित किया जाता है। भंडारी की कानूनी टीम ने उसे भगोड़ा अपराधी घोषित करने के ईडी के कदम का विरोध करते हुए दावा किया कि उसके मुवक्किल के ब्रिटेन में रहने को अवैध नहीं कहा जा सकता, क्योंकि उसे ब्रिटेन में रहने का कानूनी अधिकार है और भारत सरकार ब्रिटेन की अदालत के फैसले से बंधी हुई है.... भंडारी कानूनी रूप से वहां रह रहा है और ऐसी स्थिति में उसे ‘भगोड़ा’ घोषित करना कानूनी रूप से गलत है।’

भारतीय कानूनों से नहीं बच सकता भंडारी

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कोर्ट ने कहा, प्रत्यर्पण का प्रयास भले ही विफल हो गया हो, लेकिन इससे अभियुक्त भारतीय कानूनों के उल्लंघन के लिए अभियोजन से मुक्त नहीं हो जाएगा। सौ-पृष्ठ के आदेश में कहा गया है कि सरकार भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी के रूप में दिखाए जाने या घोषित किए जाने के बाद उसकी सभी संपत्तियों को जब्त कर लेगी। वर्ष 2016 में आयकर विभाग द्वारा दिल्ली में छापेमारी के तुरंत बाद भंडारी (63) लंदन भाग गया था। आयकर विभाग ने काला धन रोधी अधिनियम, 2015 के तहत भंडारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने फरवरी 2017 में उसके (भंडारी) और अन्य लोगों के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक मामला दर्ज किया था। 

व्यवसायी रॉबर्ट वाद्रा के साथ भंडारी के संबंधों की भी जांच 

अदालत ने कहा कि जब कोई आरोपी भारत वापस न लौटने का फैसला करता है, तो वह एफईओ अधिनियम की धारा 14 समेत सभी कानूनी परिणामों से बचने की दलील नहीं दे सकता। इसने कहा, ‘‘किसी भी स्थिति में, जो लोग आग से खेलते हैं, उन्हें इसके परिणामों के बारे में पता होना चाहिए।’’ अदालत ने माना कि भंडारी की अघोषित विदेशी आय या संपत्ति 655 करोड़ रुपये की थी और जुर्माना और ब्याज समेत उनके द्वारा कुल 196 करोड़ रुपये की कर चोरी की गई थी। संघीय एजेंसी ने वर्ष 2020 में भंडारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। ईडी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाद्रा के साथ भंडारी के संबंधों की भी जांच कर रही है। 

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भंडारी ने 2009 में लंदन में 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर हाउस को ‘अधिगृहीत’ किया

ईडी ने इस मामले में 2023 में एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि भंडारी ने 2009 में लंदन में 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर हाउस को ‘अधिगृहीत’ किया और ‘रॉबर्ट वाड्रा के निर्देशों के अनुसार इसका जीर्णोद्धार करवाया, जिसके लिए धन रॉबर्ट वाद्रा ने प्रदान किया’। रॉबर्ट वाड्रा ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में किसी भी संपत्ति का मालिक होने से इनकार किया है। उन्होंने इन आरोपों को अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस आदेश के साथ ही शराब कारोबारी विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत कुल 16 लोगों को अलग-अलग अदालतों ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। 

भंडारी पर विदेशी संपत्ति छिपाने जैसे गंभीर आरोप

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मोदी सरकार 2018 में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018’ कानून लेकर आई थी, जिसके तहत उन लोगों को न्याय के कठघरे में लाना था, जो कम से कम 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद कानून के शिकंजे से बचने के लिए भारत छोड़ गए हैं। भंडारी पर विदेशी संपत्ति छिपाने, पुरानी तिथि वाले दस्तावेजों का उपयोग करने, भारतीय कर अधिकारियों को घोषित न की गई संपत्तियों से लाभ उठाने और फिर अधिकारियों को गलत जानकारी देने का भी आरोप है कि उनके पास कोई विदेशी संपत्ति नहीं है। हालांकि, भंडारी ने इन आरोपों से इनकार किया है। 

भंडारी के वकील ने किया विरोध 

भंडारी के वकील ने उनके मुवक्किल को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के ईडी के कदम का विरोध करते हुए दावा किया था, “भंडारी के ब्रिटेन में रहने को अवैध करार नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उनके पास ब्रिटेन में रहने का कानूनी अधिकार है और भारत सरकार ब्रिटिश अदालत के फैसले से बंधी हुई है, इसलिए भंडारी कानूनी रूप से वहां रह रहे हैं और ऐसे में उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित करना कानूनी रूप से गलत है।” भंडारी की लगभग 21 करोड़ रुपये की संपत्ति ईडी ने पीएमएलए के तहत कुर्क की हुई है। 

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