नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:पंजाब के शांत गांवों से रवाना होकर करतारपुर साहिब में माथा टेकने गई कपूरथला की सरबजीत कौर की कहानी अब रहस्य में घिरती जा रही है। गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकाश गुरपुरब पर 52 वर्षीय सरबजीत श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गई थीं, लेकिन वापसी के समय वह अचानक लापता हो गईं। अब पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक कथित निकाहनामा वायरल है, जिसमें दावा किया गया है कि सरबजीत ने इस्लाम स्वीकार कर ‘नूर’ नाम रख लिया और शेखुपुरा के निवासी नासिर हुसैन से शादी कर ली है। इस दावे ने न केवल उनके परिवार को झकझोर दिया है, बल्कि पुराने आपराधिक मामलों और यात्रा दस्तावेजों में गड़बड़ियों ने पूरे मामले को और पेचीदा बना दिया है।
करीब दो हजार सिख श्रद्धालुओं के साथ पाकिस्तान पहुंची थीं
सरबजीत 4 नवंबर को
वाघा-अटारी बॉर्डर पार कर करीब दो हजार सिख श्रद्धालुओं के साथ पाकिस्तान पहुंची थीं, लेकिन 13 नवंबर को जत्था भारत लौटा तो वह इसमें शामिल नहीं थीं। मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि शेखुपुरा की एक मस्जिद में उनका निकाह हुआ और ‘नूर हुसैन’ नाम से उर्दू निकाहनामा जारी किया गया। हालांकि, भारतीय मीडिया ने इस दस्तावेज की स्वतंत्र पुष्टि अब तक नहीं की है।
जांच से जुड़े स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सरबजीत के पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेजों में कई विसंगतियां मिली हैं। कपूरथला पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ पहले से तीन आपराधिक केस दर्ज हैं—दो कपूरथला और एक बठिंडा के कोट फत्ता थाना क्षेत्र में। ये सभी केस धोखाधड़ी और ठगी से जुड़े बताए गए हैं। SHO निर्मल सिंह के मुताबिक, उनके दो बेटों—लवजोत और नवजोत—पर भी कुल 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें कई मामलों में सुनवाई जारी है और दोनों जमानत पर हैं।
पति लगभग 30 वर्षों से इंग्लैंड में रहता है
पाकिस्तान जाने से पहले सरबजीत अपने पति करनैल सिंह के अमानीपुर स्थित घर में रह रही थीं। उनका पति लगभग 30 वर्षों से इंग्लैंड में रहता है। सरबजीत की पहले भी एक शादी हो चुकी है, जिससे उन्हें दो बेटे हैं। स्थानीय लोग इस परिवार के बारे में कुछ भी कहने से परहेज कर रहे हैं। फिलहाल कपूरथला पुलिस और अन्य एजेंसियां सरबजीत की पृष्ठभूमि, उनके पाकिस्तान जाने के मकसद, दस्तावेजों में सामने आई गड़बड़ियों और वायरल निकाहनामे की सच्चाई की जांच कर रही हैं। भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान से आधिकारिक जानकारी का इंतज़ार है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सरबजीत ने वास्तव में धर्म परिवर्तन किया है या फिर मामला किसी बड़े नेटवर्क अथवा निजी विवाद से जुड़ा हुआ है।