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सरकार का बड़ा ऐलान: सरदार पटेल, बिरसा मुंडा और वाजपेयी की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाएंगे

केंद्र सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया है।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्‍क: केंद्र सरकार ने देश के तीन नेताओं सरदार वल्लभभाई पटेल,बिरसा मुंडा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी  की जयंती के उपलक्ष्य में भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन अलग-अलग उच्च स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठियां, प्रदर्शनियां, और युवा-केन्द्रित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

सरदार पटेल की 150वीं जयंती

यह घोषणा संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं के माध्यम से सार्वजनिक की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि इन महान व्यक्तित्वों के जीवन, आदर्शों और संघर्ष को देश की नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए और राष्ट्रीय जीवन में उनकी प्रेरणा को उतारा जाए। सरदार वल्लभभाई पटेल जिन्हें 'भारत का लौहपुरुष' कहा जाता है, की 150वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। पटेल न केवल स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री के रूप में उन्होंने रियासतों के एकीकरण में अहम भूमिका निभाई थी। गुजरात में निर्मित 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' उनके योगदान की स्थायी गवाही है।

बिरसा मुंडा की जयंती स्तर पर मनाने की तैयारी

सरकार द्वारा गठित समिति में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इन आयोजनों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया जाएगा। आदिवासी नायक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को भी राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की तैयारी है। उन्हें ‘धरती आबा’ के नाम से सम्मानित किया जाता है। बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत और सामाजिक शोषण के खिलाफ आदिवासी समुदाय को संगठित किया था। सरकार का उद्देश्य है कि उनके संघर्ष, विचारधारा और योगदान को देशभर में जन-जन तक पहुंचाया जाए। उनके नाम पर आयोजित कार्यक्रमों में आदिवासी संस्कृति, जनजातीय लोक कला, और संविधान में उनके योगदान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जिनकी जन्म शताब्दी 2024-25 में है, की स्मृति में भी विशेष आयोजन होंगे। वाजपेयी न केवल एक दिग्गज राजनेता थे बल्कि कवि, वक्ता और जननेता के रूप में भी लोकप्रिय थे। उनके नेतृत्व में भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण कर वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।सरकार इन आयोजनों के माध्यम से उनकी राजनीतिक दूरदृष्टि, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान को उजागर करना चाहती है।संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, इन तीनों नेताओं की जयंती को भव्य रूप में मनाने के लिए हर स्तर पर कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है।सरकार का मानना है कि इन आयोजनों से देश में राष्ट्रीय एकता, आदिवासी गर्व, और लोकतांत्रिक मूल्यों की भावना को बल मिलेगा। तीनों महापुरुषों के जीवन और कार्यों से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी, और भारत के संविधान, संस्कृति और संघर्ष की समृद्ध परंपरा को मजबूती मिलेगी। Atal Bihari Vajpayee | pm narendra modi 
pm narendra modi Atal Bihari Vajpayee
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