Advertisment

Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission 2025: शुभांशु शुक्ला को लेकर ड्रैगन कैप्सूल रवाना... 28 घंटे में पूरा होगा सफर

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भर इतिहास रचा। वह 41 साल बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। Axiom-4 मिशन के तहत ISS पर 8 दिन बिताएंगे, वैज्ञानिक प्रयोगों में लेंगे हिस्सा। भारत के लिए गर्व का क्षण।

author-image
Ajit Kumar Pandey
एडिट
Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission 2025: शुभांशु शुक्ला को लेकर ड्रैगन कैप्सूल रवाना... 28 घंटे में पूरा होगा सफर | यंग भारत न्यूज

Shubhanshu Shukla Axiom-4 Mission 2025: शुभांशु शुक्ला को लेकर ड्रैगन कैप्सूल रवाना... 28 घंटे में पूरा होगा सफर | यंग भारत न्यूज

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।आज बुधवार 25 जून 2025 का दिन वाकई ऐतिहासिक है! वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और हमारे अपने शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरकर पूरे देश का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। 41 साल पहले राकेश शर्मा ने जो इतिहास रचा था, आज शुभांशु शुक्ला ने उसी राह पर चलकर भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में एक और बड़ी पहचान दिलाई है। यह सिर्फ एक उड़ान नहीं, बल्कि भारत के दृढ़ संकल्प, वैज्ञानिक प्रगति और अदम्य साहस का प्रतीक है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत, शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुए हैं, जहां वे आठ दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे। यह मिशन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा है।

रॉकेट की गर्जना से अंतरिक्ष तक का सफर

कल्पना कीजिए, एक शक्तिशाली रॉकेट आसमान को चीरता हुआ, आग उगलते हुए ऊपर की ओर बढ़ रहा है। उसके अंदर बैठा है एक ऐसा भारतीय, जो अपने सपनों और पूरे देश की उम्मीदों को साथ लेकर चला है। शुभांशु शुक्ला की ये उड़ान सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि लाखों युवाओं के लिए एक सपना है कि वे भी अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। नासा द्वारा आयोजित इस एक्सिओम-4 मिशन के लिए शुभांशु का चयन होना ही अपने आप में एक बड़ी बात है। यह दिखाता है कि भारतीय प्रतिभा किसी से कम नहीं।

राकेश शर्मा से शुभांशु तक: 41 साल का सफर

आज से 41 साल पहले, स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने जब 'सारे जहां से अच्छा' कहा था, तब हर भारतीय का दिल गर्व से भर गया था। अब शुभांशु शुक्ला उसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यह 41 साल का अंतराल भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस दौरान भारत ने चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों में सफलता हासिल कर अपनी क्षमता साबित की है। शुभांशु की यह उड़ान उसी कड़ी का एक और मजबूत कदम है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ देखने वाला नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में अपनी छाप छोड़ने वाला देश बन गया है।

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आठ दिन: क्या होगा खास?

शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर आठ दिनों तक रहेंगे। इस दौरान वे विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों और शोध कार्यों में हिस्सा लेंगे। ये प्रयोग भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। आईएसएस पर बिताया गया हर पल, हर प्रयोग, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई दिशा देगा। यह उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि के साथ-साथ देश के लिए भी अमूल्य योगदान होगा।

Advertisment

क्यों महत्वपूर्ण है यह मिशन?

यह मिशन कई मायनों में महत्वपूर्ण है:

अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती उपस्थिति: यह मिशन दर्शाता है कि भारत अब अंतरिक्ष महाशक्तियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है।
वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा: आईएसएस पर होने वाले प्रयोगों से वैज्ञानिक समुदाय को बहुमूल्य जानकारी मिलेगी, जिससे नए आविष्कारों और खोजों को बढ़ावा मिलेगा।

युवाओं के लिए प्रेरणा: शुभांशु शुक्ला की यह सफलता लाखों भारतीय युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को और मजबूत करेगा।

Advertisment

शुभांशु शुक्ला: एक प्रेरणादायक यात्रा

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का सफर आसान नहीं रहा। कड़ी मेहनत, समर्पण और अदम्य साहस ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनकी यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करना चाहता है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों। उनके प्रशिक्षण और तैयारी की हर बारीकी हमें बताती है कि कैसे एक लक्ष्य को पाने के लिए हमें अपना सब कुछ झोंक देना पड़ता है।

भारत का अंतरिक्ष भविष्य: उज्ज्वल और असीमित

यह तो बस शुरुआत है! शुभांशु शुक्ला की इस ऐतिहासिक उड़ान के साथ, भारत का अंतरिक्ष भविष्य और भी उज्ज्वल दिख रहा है। गगनयान मिशन और अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के साथ, भारत अंतरिक्ष में नए कीर्तिमान स्थापित करने को तैयार है। हम सभी को उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी कई भारतीय अंतरिक्ष की गहराइयों में जाएंगे और देश का नाम रोशन करेंगे।

Advertisment

क्या आपको लगता है कि शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक उड़ान भारत के लिए एक नए अंतरिक्ष युग की शुरुआत है? अपने विचार कमेंट बॉक्स में ज़रूर साझा करें!

Shubhanshu Shukla | Indian Space Station |

space Shubhanshu Shukla Indian Space Station
Advertisment
Advertisment