कोलकाता, वाईबीएन डेस्क। कोलकाता हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी वाला वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार की गई पुणे की लॉ स्टूडेंट और SOCIAL MEDIA INFLUENCER Sharmishtha Panoli को अंतरिम जमानत दे दी है। अदालत ने उन्हें ₹10,000 के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। इससे पहले शर्मिष्ठा को कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। उनके वीडियो में बॉलीवुड कलाकारों की चुप्पी को लेकर कथित सांप्रदायिक टिप्पणी की गई थी, जिसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद विवाद शुरू हो गया था।
जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा
न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि- बोलने की आज़ादी का मतलब यह नहीं है कि हम किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाएं। देश विविधताओं से भरा है, इसलिए शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक मामले की जांच चल रही है, किसी अन्य केस की कार्यवाही नहीं चलेगी, और राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि इस मामले में आगे कोई नई एफआईआर दर्ज न हो।
शर्मिष्ठा के वकील की दलील
शर्मिष्ठा पनोली की ओर से पेश अधिवक्ता ने गिरफ्तारी को अवैध बताया। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में दर्ज सारे अपराध गैर-संज्ञेय हैं और नए आपराधिक कानूनों के तहत गिरफ्तारी से पहले नोटिस देना अनिवार्य था, जो नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि विवादित वीडियो को 8 मई को डिलीट कर दिया गया था, और पनोली व उनका परिवार पहले ही पुलिस को खतरे की सूचना दे चुका था।
नोटिस के बाद भी पनोली फरार थीं
सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि नोटिस जारी किया गया था, लेकिन शर्मिष्ठा पनोली और उनका परिवार गुरुग्राम चले गए, जिससे नोटिस की तामील संभव नहीं हो पाई। इस कारण कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया और फिर उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने दावा किया कि पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया।
माफी और सोशल मीडिया से वीडियो हटाया
विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा पनोली ने सोशल मीडिया पर बिना शर्त माफी मांगते हुए लिखा था- मैं बिना शर्त माफी मांगती हूं। जो कुछ भी लिखा, वह मेरी व्यक्तिगत भावना थी। अगर किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं खेद प्रकट करती हूं और आगे से सावधानी बरतूंगी।"