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शुभांशु शुक्ला को बधाइयों का तांता, PM मोदी बोले अदम्य साहस पर गर्व

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सकुशल धरती पर लौट आए हैं। उनके यान का सफल स्प्लैशडाउन प्रशांत महासागर में हुआ, जिससे पूरे देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे गगनयान मिशन के लिए मील का पत्थर बताया।

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Ajit Kumar Pandey
शुभांशु शुक्ला को बधाइयों का तांता, PM मोदी बोले अदम्य साहस पर गर्व | यंग भारत न्यूज

शुभांशु शुक्ला को बधाइयों का तांता, PM मोदी बोले अदम्य साहस पर गर्व | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आज मंगलवार 15 जुलाई को अंतरिक्ष की गहराइयों को छूकर भारत के जांबाज ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला सकुशल धरती पर लौट आए हैं। उनका यान प्रशांत महासागर में सफल स्प्लैशडाउन हुआ, जिसने पूरे देश को खुशी से सराबोर कर दिया। यह ऐतिहासिक पल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और गगनयान मिशन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।

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आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है। जिस क्षण ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का यान प्रशांत महासागर में उतरा, पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। देश का हर नागरिक अपने 'अंतरिक्ष यात्री' के सकुशल लौट आने पर गर्व महसूस कर रहा था। यह सिर्फ एक व्यक्ति की वापसी नहीं, बल्कि भारत के बढ़ते वैज्ञानिक सामर्थ्य और अदम्य साहस का प्रतीक है।

पीएम मोदी ने जताई खुशी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला के धरती पर लौटने पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।" पीएम मोदी के इन शब्दों ने देश के गौरव को और बढ़ा दिया।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी इस मौके पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "भारत ने आज अंतरिक्ष की दुनिया में एक चिरस्थायी मुकाम हासिल कर लिया है। यह भारत के लिए गर्व का पल है कि हमारा बेटा सकुशल धरती पर लौट आया है।" इन बयानों से साफ है कि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का विषय है।

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देशभर में जश्न और प्रार्थनाओं का सिलसिला

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शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी के लिए देशभर में दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर चल रहा था। हरिद्वार में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने विशेष पूजा-अर्चना की। उनका मानना था कि इन प्रार्थनाओं का ही फल है कि शुभांशु सकुशल लौट पाए। धर्म और विज्ञान का यह अनूठा संगम भारत की पहचान है।

लखनऊ में शुभांशु शुक्ला के घर का माहौल भी भावुक और उल्लास से भरा हुआ था। उनकी मां आशा शुक्ला ने बताया, "हम शुभांशु की वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं और हमें अपने बेटे की वापसी का इंतजार है। हम उनके लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं। हम सुबह मंदिर गए और भगवान हनुमान के दर्शन किए। हमने सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। हमें गर्व है कि हमारे बेटे का नाम इतिहास में दर्ज हुआ।"

इस पल का इंतजार शुभांशु के परिवार और पूरे देश को बेसब्री से था। उनकी मां की आंखों में खुशी के आंसू और गर्व की चमक साफ देखी जा सकती थी। सुंदरकांड का पाठ यह दर्शाता है कि कैसे भारतीय समाज में किसी भी शुभ कार्य से पहले ईश्वर का आशीर्वाद लिया जाता है। यह सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्री की वापसी नहीं, बल्कि एक बेटे की घर वापसी भी है।

गगनयान मिशन के लिए बड़ी सफलता

शुभांशु शुक्ला का यह सफल अंतरिक्ष मिशन भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए एक बड़ी सफलता है। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है। शुभांशु की वापसी ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। इससे भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का आत्मविश्वास और बढ़ा है। यह मिशन भविष्य में भारत को अंतरिक्ष शक्ति के रूप में और मजबूत करेगा।

इस सफलता ने भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिनके पास मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता है। यह सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। भारत अब अंतरिक्ष अनुसंधान में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी ने भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब गगनयान मिशन को और तेजी से आगे बढ़ाएगा। आने वाले समय में हमें और भी भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में जाते देखने का अवसर मिलेगा। यह भारत के लिए एक नए युग की शुरुआत है।

भारत की यह सफलता दुनिया को यह संदेश देती है कि हम किसी से कम नहीं। हम अपने दम पर बड़े से बड़े लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। शुभांशु शुक्ला जैसे हीरो ही हमारे देश की असली ताकत हैं। उनका साहस और समर्पण हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। यह वाकई एक ऐसा पल है, जिसे वर्षों तक याद रखा जाएगा।

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