नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। आईपीएल फाइनल में आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़ को लेकर न तो आरोप-प्रत्यारोप खत्म हुए न ही उसे लेकर राजनीति थमी है। इस मामले में आरोपी बनाए गए लोगों की गिरफ्तारी और कर्नाटक क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों के इस्तीफे के बावजूद यह मामला गर्म है। राज्य सरकार ने बेंगलुरु के पांच शीर्ष पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
चिन्नास्वामी स्टेडियम में सरकारी कार्यक्रम नहीं था
बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ की घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रविवार को कहा, 'पुलिस विभाग ने आयोजन स्थल पर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बारे में व्यापक जानकारी नहीं दी। चिन्नास्वामी स्टेडियम में यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं था और मुझे इसके लिए आमंत्रित भी नहीं किया गया था।'
भाजपा और जदएस राजनीति प्रेरित बयान दे रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और JDS राजनीति से प्रेरित बयान दे रहे हैं। हालांकि घायलों को दोपहर 3.50 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन मुझे शाम 5.45 बजे सूचना मिली कि स्टेडियम के पास भगदड़ मच गई और लोग मर गए। भगदड़ नहीं होनी चाहिए थी। यह बहुत दुखद है।'
रात से ही लोग थे सड़कों पर अगले दिन ही निकाला जाना था जुलूस
ज्ञात हो कि आईपीएल फाइनल परिणाम देखने के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। पूरी रात जश्न के बाद अगले दिन चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी टीम का स्वागत होना था। शहर में विक्ट्री जुलूस भी निकालने की योजना थी। भीड़ देखते हुए पुलिस ने अनुमति वापस ले ली थी।
शिवकुमार ने कहा था, स्टेडियम की क्षमता से ज्यादा जुटी भीड़
राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने हादसे वाले दिन ही बताया था कि 35000 की क्षमता वाले स्टेडियम तक तीन लाख के आसपास लोग पहुंच गए थे। अप्रत्याशित भीड़ के कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।