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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: भारत ने रेल परिवहन के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में देश की पहली हाइड्रोजन से संचालित कोच ड्राइविंग पावर कार का सफल परीक्षण किया गया है। यह परीक्षण भारत की तकनीकी क्षमता और हरित ऊर्जा की दिशा में उठाए गए कदमों की एक महत्वपूर्ण मिसाल है। भारतीय रेलवे अब 1200 हॉर्सपावर (HP) की हाइड्रोजन ट्रेन विकसित कर रहा है। इसके निर्माण के बाद भारत उन गिने-चुने देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो हाइड्रोजन पावर्ड ट्रेन तकनीक में अग्रणी हैं।
First Hydrogen powered coach (Driving Power Car) successfully tested at ICF, Chennai.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) July 25, 2025
India is developing 1,200 HP Hydrogen train. This will place India among the leaders in Hydrogen powered train technology. pic.twitter.com/2tDClkGBx0
क्या है हाइड्रोजन ट्रेन तकनीक?
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें पारंपरिक डीजल या बिजली से चलने वाली ट्रेनों की तुलना में अधिक पर्यावरण अनुकूल होती हैं। ये ट्रेनें हाइड्रोजन फ्यूल सेल के ज़रिए ऊर्जा उत्पन्न करती हैं, जिससे केवल पानी और गर्मी उत्सर्जित होती है यानि प्रदूषण शून्य। इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों द्वारा डिजाइन और विकसित किया जा रहा है। यह 'मेक इन इंडिया' और 'हरित भारत' (Green India) के विज़न की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पर्यावरण और ऊर्जा की दिशा में क्रांतिकारी पहल
हाइड्रोजन ट्रेनें भविष्य में न केवल कार्बन उत्सर्जन को घटाएंगी, बल्कि रेलवे की ऊर्जा लागत में भी भारी कमी लाएंगी। इससे भारत के सतत विकास लक्ष्यों को भी मजबूती मिलेगी। रेलवे सूत्रों के अनुसार, आगामी महीनों में इस तकनीक से पूरी ट्रेन का ट्रायल शुरू किया जाएगा और 2026 तक देश में पहली पूर्ण हाइड्रोजन ट्रेन पटरियों पर दौड़ सकती है।
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