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खुदकुशी से पहले वीडियो कॉल...IIT Kharagpur में छात्र की सुसाइड पर Supreme Court ने पूछा सवाल

आईआईटी खड़गपुर में सिविल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर की आत्महत्या के मामले ने देश की सर्वोच्च अदालत को झकझोर दिया है। 22 वर्षीय यह छात्र 4 मई को अपने हॉस्टल 'मदन मोहन मालवीय हॉल' के कमरे में फंदे से लटका मिला।

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Pratiksha Parashar
iit kharagpur suicide
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। देश के बड़े-बड़े शैक्षणिक संस्थानों और कोचिंग हॉस्टल में छात्रों की सुसाइड के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में आईआईटी खड़गपुर में छात्र की खुदकुशी का मामला सामने आया है, जिससे हड़कंप मच गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सवाल किया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (IIT Kharagpur) में छात्र की सुसाइड का मामला सामने आने के बाद क्या एफआईआर दर्ज की गई थी। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने रजिस्ट्री को दोनों जगहों से जल्द से जल्द रिपोर्ट तलब करने का निर्देश दिया है। 

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IIT के छात्र की मौत

आईआईटी खड़गपुर में सिविल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र मोहम्मद आसिफ कमर की आत्महत्या के मामले ने देश की सर्वोच्च अदालत को झकझोर दिया है। 22 वर्षीय यह छात्र 4 मई को अपने हॉस्टल 'मदन मोहन मालवीय हॉल' के कमरे में फंदे से लटका मिला। अदालत को जानकारी दी गई कि मौत से ठीक पहले वह दिल्ली में अपने एक दोस्त से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना को छात्रों की आत्महत्या की उन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में से एक बताया है, जिन पर गहराई से विचार किए जाने की जरूरत है। इसी सिलसिले में कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एस. रवींद्र भट की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश पहले ही दे रखा है। इसका मकसद उच्च शिक्षण संस्थानों और कोचिंग सेंटरों में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट को समझना और आत्महत्याओं को रोकने के उपाय सुझाना है।

कोटा में नाबालिग की आत्महत्या पर पूछे सवाल

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अदालत ने पूछा कि क्या IIT खड़गपुर प्रशासन ने छात्र की मौत के संबंध में स्थानीय थाने में FIR दर्ज कराई है, जैसा कि पूर्व निर्देशों में कहा गया था। इसी के साथ, कोर्ट ने कोटा में NEET की तैयारी कर रही एक नाबालिग छात्रा की आत्महत्या का भी संज्ञान लिया। यह घटना शहर के पार्श्वनाथ इलाके में हुई, जहाँ 18 वर्ष से कम उम्र की यह छात्रा अपने माता-पिता के साथ रह रही थी। वह मध्यप्रदेश के श्योपुर की रहने वाली थी और पिछले कई वर्षों से कोचिंग ले रही थी। कोर्ट ने बताया कि यह कोटा में इस साल आत्महत्या का चौदहवाँ मामला है। अदालत ने पूछा कि क्या इस मामले में भी पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह इस गंभीर मुद्दे पर पूरी नजर बनाए हुए है और हर पहलू की जांच की जाएगी।

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