Advertisment

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की महात्मा गांधी के परपोते की याचिका! अब साबरमती आश्रम का क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। तुषार गांधी ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना के याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

author-image
Pratiksha Parashar
tushar gandhi
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

सुप्रीम कोर्ट ने महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। तुषार गांधी ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना के संबंध में याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि याचिका दायर करने में दो साल से भी ज्यादा देरी हुई है, जिसकी वजह से हम दखल नहीं दे सकते।

क्या है तुषार गांधी की याचिका? 

तुषार गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के खिलाफ अपनी याचिका में तर्क दिया था कि प्रस्तावित परियोजना आश्रम की स्थलाकृति को बदल देगी। याचिका में यह भी आरोप लगाया था कि यह परियोजना गांधीवादी विरासत के साथ विश्वासघात है। याचिका में कहा गया है, ‘‘इस परियोजना में कथित तौर पर 40 से अधिक इमारतों की पहचान की गई है जिन्हें संरक्षित किया जाएगा जबकि शेष लगभग 200 को नष्ट कर दिया जाएगा या उनका पुनर्निर्माण किया जाएगा।’’ सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिका में हुई देरी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह याचिका में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।

Advertisment

सरकार ने दिया साबरमती आश्रम बचाने का आश्वासन

गुजरात उच्च न्यायालय ने 2022 में तुषार गांधी की याचिका का उस समय निपटारा कर दिया था, जब सरकार ने कहा था कि आश्रम का मुख्य क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा। तुषार गांधी की याचिका पर सरकार ने आश्वासन दिया था कि साबरमती आश्रम का मुख्य क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा। इसके बाद तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि मात्र आशंका के आधार पर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती। आपको बता दें कि साबरमती आश्रम को गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इसे महात्मा गांधी ने 1917 में अहमदाबाद में स्थापित किया था।

Advertisment
Advertisment