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"मुद्रा लोन योजना के नाम पर 140 करोड़ का घोटाला : सहकारी समिति बनाकर 330 शाखाएं, 1600 भर्ती, 2000 नौकरियों का झांसा" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।तेलंगाना में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर एक फर्जी संगठन ने आम लोगों से करीब 140 करोड़ रुपये की ठगी है। इस मामले में सीआईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठन के कथित चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया है। अब सीआईडी इस जालसाजी में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान करने में जुट गई है।
आपको बता दें कि तेलंगाना सीआईडी पुलिस ने तथाकथित मुद्रा कृषि कौशल विकास बहु-राज्य सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष थिप्पीनेनी रामदासप्पा नायडू (61) और संगठन के सदस्य थिप्पीनेनी साईकिरन (43) को गिरफ्तार किया है। रामदासप्पा को अमरावती में गिरफ्तार किया गया, जबकि साईकिरन को हैदराबाद में गिरफ्तार किया गया।
ऐसे आई धोखाधड़ी सामने
पुलिस के अनुसार, हैदराबाद स्थित इस सोसाइटी ने केंद्र सरकार की एक योजना के तहत दो हजार मार्केटिंग सुपरवाइजर की नौकरियों का वादा करते हुए अखबारों में विज्ञापन देकर जनता, विशेषकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोगों को लुभाया।
आवेदकों से शेयर पूंजी और बॉन्ड में निवेश के नाम पर पैसे मांगे गए। यहां तक कि उनसे उनकी मूल शैक्षिक योग्यता के प्रमाण पत्र भी जमा करवा लिये गए। आयोजकों ने भर्ती करने वालों को उच्च रिटर्न और सोसाइटी के बैंक बन जाने पर स्थायी सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया।
कई लोगों को यह योजना असली लगी। जिसके परिणामस्वरूप 330 शाखाएं खोली गईं और लगभग 16 सौ कर्मचारियों की भर्ती की गई। नए कर्मचारियों को धन उगाहने के लक्ष्य दिए गए। उन पर जनता से धन इकट्ठा करने का दबाव डाला गया।
मुद्रा योजना घोटाला: कैसे बचें जालसाजों से?
हैदराबाद में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर 140 करोड़ रुपये का महा-घोटाला सामने आया है। एक फर्जी संगठन ने लोगों को नौकरी और ऊंचे रिटर्न का लालच देकर ठगा। CID ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सवाल यह है कि ऐसे जालसाजों से आम लोग कैसे बचें?
कैसे हुआ करोड़ों का 'मुद्रा' घोटाला?
तेलंगाना में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के नाम पर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली गई। 'मुद्रा कृषि कौशल विकास बहु-राज्य सहकारी समिति लिमिटेड' नामक एक फर्जी संस्था ने अखबारों में लुभावने विज्ञापन दिए। उन्होंने 2000 मार्केटिंग सुपरवाइजर की नौकरियों का वादा किया, खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के युवाओं को निशाना बनाया। यह एक ऐसा जाल था जिसमें कई मासूम फंस गए।
लालच का जाल और भरोसे का व्यापार
जालसाजों ने सिर्फ नौकरी का वादा नहीं किया, बल्कि आवेदकों से शेयर पूंजी और बॉन्ड में निवेश के नाम पर लाखों रुपये ऐंठे। उनसे उनके मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र भी जमा करवा लिए गए, जिससे यह योजना और भी भरोसेमंद लगे। सोचिए, एक नौकरी की उम्मीद में लोग अपनी सारी जमापूंजी और कीमती दस्तावेज लुटा बैठे। यह धोखाधड़ी का एक नया स्तर था, जहां भावनाओं और भरोसे को हथियार बनाया गया।
फर्जी बैंक का सपना और असली नुकसान
संगठन के कर्ता-धर्ताओं ने भर्ती होने वाले लोगों को यह कहकर फुसलाया कि जब उनकी सोसाइटी बैंक बन जाएगी, तो उन्हें स्थायी सरकारी नौकरी मिलेगी और साथ ही निवेश पर भारी रिटर्न भी मिलेगा। इस मीठे झांसे में आकर कई लोग फंस गए। 330 से अधिक शाखाएं खोल दी गईं और लगभग 1600 कर्मचारी भर्ती किए गए। इन नए कर्मचारियों पर भी जनता से पैसे वसूलने का भारी दबाव था। यह दिखाता है कि कैसे एक धोखाधड़ी का जाल बहुस्तरीय हो सकता है।
CID की बड़ी कार्रवाई: मास्टरमाइंड गिरफ्तार
तेलंगाना सीआईडी पुलिस ने इस वित्तीय धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड, 'मुद्रा कृषि कौशल विकास बहु-राज्य सहकारी समिति लिमिटेड' के अध्यक्ष थिप्पीनेनी रामदासप्पा नायडू (61) को अमरावती से गिरफ्तार किया है। संगठन के एक और सदस्य, थिप्पीनेनी साईकिरन (43) को हैदराबाद से पकड़ा गया है। यह एक बड़ी सफलता है, लेकिन अभी भी कई अन्य लोग इस जालसाजी में शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
कैसे बचें ऐसे घोटालों से?
सरकारी योजनाओं की पुष्टि करें: किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाने या उसमें निवेश करने से पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी दफ्तर से पुष्टि करें।
अविश्वसनीय ऑफ़र से बचें: अगर कोई नौकरी या निवेश पर अविश्वसनीय रूप से उच्च रिटर्न का वादा करता है, तो सतर्क हो जाएं। अक्सर ऐसे ऑफ़र धोखाधड़ी के संकेत होते हैं।
दस्तावेज़ जमा करने में सावधानी: अपने मूल शैक्षिक प्रमाणपत्र या अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज किसी भी निजी संस्था को जमा करने से पहले सौ बार सोचें।
जानकारी साझा न करें: अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति या संस्था के साथ साझा न करें।
शिकायत करें: यदि आपको किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का संदेह हो, तो तुरंत पुलिस या संबंधित प्राधिकारी को सूचित करें।
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