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'ठग लाइफ' विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए — कर्नाटक सरकार को क्यों दी सख्त चेतावनी?

कमल हासन की फिल्म 'ठग लाइफ' पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख। कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से कहा- बयान पर बहस हो सकती है, फिल्म नहीं रुक सकती। एक दिन में रिपोर्ट मांगी, कहा- राज्य में कानून का राज हो। कमल हासन को मिली बड़ी राहत, कलात्मक स्वतंत्रता की जीत।

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Ajit Kumar Pandey
'ठग लाइफ' विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए — कर्नाटक सरकार को क्यों दी सख्त चेतावनी? कमल हासन को राहत | यंग भारत न्यूज

'ठग लाइफ' विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए — कर्नाटक सरकार को क्यों दी सख्त चेतावनी? कमल हासन को राहत | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । कमल हासन की आने वाली फिल्म 'ठग लाइफ' को लेकर चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। आज मंगलवार 17 जून 2025 को देश की शीर्ष अदालत ने कर्नाटक सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि किसी कलाकार के बयान पर बहस हो सकती है, लेकिन उसकी फिल्म को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने से रोका नहीं जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को फिल्म रिलीज को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए एक दिन का समय दिया है, साथ ही यह भी कहा कि राज्य में कानून का राज स्थापित होना चाहिए। यह फैसला न केवल ठग लाइफ के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थितियों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा।

ठग लाइफ फिल्म विवाद में नया मोड़

प्रसिद्ध अभिनेता और राजनेता कमल हासन की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'ठग लाइफ' (Thug Life) को लेकर जारी विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है। कर्नाटक में फिल्म की रिलीज को लेकर उत्पन्न गतिरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने कर्नाटक सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी कलाकार के बयानों को लेकर चल रही बहस के कारण उसकी फिल्म को प्रदर्शन से नहीं रोका जा सकता। यह फैसला उन सभी फिल्म निर्माताओं और कलाकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है जो अक्सर विरोध-प्रदर्शनों के कारण अपनी फिल्मों की रिलीज को लेकर चिंतित रहते हैं।

दरअसल, कर्नाटक हाई कोर्ट ने कमल हासन के कुछ कथित बयानों को लेकर उनसे माफी मांगने को कहा था, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के इस आदेश पर भी सवाल उठाया और कहा कि हाई कोर्ट को इस तरह से माफी मांगने के लिए नहीं कहना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने 'ठग लाइफ' से जुड़े इस पूरे मामले को अपने पास स्थानांतरित कर लिया है, जो अब सीधे शीर्ष अदालत में सुना जाएगा।

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यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भारतीय न्यायपालिका कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कितनी गंभीर है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी राज्य सरकार को केवल किसी व्यक्ति के विचारों या बयानों के आधार पर किसी कलाकृति (फिल्म) की सार्वजनिक प्रदर्शनी को बाधित करने का अधिकार नहीं है। कानून का राज स्थापित होना चाहिए और किसी भी नागरिक को अपने वैध व्यवसाय या कलात्मक अभिव्यक्ति से रोका नहीं जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को इस मामले में अपना पक्ष रखने और यह बताने के लिए केवल एक दिन का समय दिया है कि वे 'ठग लाइफ' की रिलीज को लेकर क्या कदम उठा रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि कर्नाटक सरकार इस आदेश के बाद क्या रुख अपनाती है। फिल्म उद्योग से जुड़े लोग और कला प्रेमी इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि यह कलात्मक स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है

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कमल हासन की 'ठग लाइफ' एक ऐसी फिल्म है जिसका दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। इस कानूनी बाधा के हटने से अब फिल्म के रिलीज का रास्ता साफ होने की उम्मीद है। यह पूरा विवाद एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डालता है कि कला और कलाकारों को किस तरह से विभिन्न दबावों का सामना करना पड़ता है और कैसे न्यायपालिका इसमें संतुलन स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उम्मीद है कि यह फैसला भविष्य में ऐसी स्थितियों को टालने में मदद करेगा और कलात्मक अभिव्यक्ति को और मजबूती प्रदान करेगा।

क्या आप इस बात से सहमत हैं कि कला की अभिव्यक्ति पर किसी बयान का प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए? कमेंट करके अपनी राय बताएं। 

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