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अब युवा नहीं रहेंगे बेरोजगार! पीयूष गोयल की PLI योजना लाएगी स्किल और स्कीम की बौछार

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने PLI योजना की समीक्षा की, गुणवत्ता और कुशल कार्यबल पर जोर दिया। आत्मनिर्भर भारत के लिए निवेश और संवितरण का 5 वर्षीय रोडमैप बनाने का आह्वान। यह योजना भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में मदद करेगी।

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Ajit Kumar Pandey
अब युवा नहीं रहेंगे बेरोजगार! पीयूष गोयल की PLI योजना लाएगी स्किल और स्कीम की बौछार | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत सरकार की महत्वकांक्षी उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक ने देश में आत्मनिर्भरता की नई गाथा लिखने का आह्वान किया है। गोयल ने स्पष्ट कहा कि हमें सिर्फ मात्रा पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता और कुशल कार्यबल तैयार करने पर ध्यान देना होगा, ताकि भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सके। इस PLI योजना के तहत अगले पांच सालों के लिए निवेश और संवितरण का एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने पर जोर दिया गया है, जो देश के औद्योगिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है।

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PLI योजना: क्या बदल रहा है और क्यों है आपके लिए खास?

PLI योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का एक महत्वाकांक्षी सपना है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में इस योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि अब समय आ गया है जब हम आत्मनिर्भरता की राह पर तेजी से आगे बढ़ें।

उन्होंने जोर दिया कि मंत्रालयों को केवल उत्पादन की मात्रा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, उच्च-गुणवत्ता वाले कुशल कार्यबल तैयार करने पर काम करना चाहिए। यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि इसका सीधा मतलब है कि सरकार अब सिर्फ बड़ी कंपनियों को प्रोत्साहन देने के बजाय, पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

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बैठक में यह भी कहा गया कि राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) के सहयोग से बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर किया जाए। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि मजबूत बुनियादी ढांचा ही किसी भी औद्योगिक विकास की नींव होता है। गोयल ने अगले पांच सालों के लिए निवेश और संवितरण का एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने पर भी जोर दिया, जिससे PLI योजना के तहत आने वाले उद्योगों को न केवल वित्तीय सहायता मिले, बल्कि एक स्पष्ट दिशा भी मिले।

आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम

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आज के दौर में जब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं (global supply chains) लगातार बदल रही हैं, भारत का आत्मनिर्भर बनना बेहद जरूरी हो गया है। PLI योजना इसी दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना उन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल्स, कपड़ा और दूरसंचार उपकरण। इस योजना के तहत, सरकार उन कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन देती है जो भारत में उत्पादों का निर्माण करती हैं और अपने उत्पादन में वृद्धि करती हैं। इससे न केवल विदेशी निवेश आकर्षित होगा, बल्कि घरेलू कंपनियों को भी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा।

गुणवत्ता और कौशल पर क्यों है जोर?

मंत्री गोयल का गुणवत्ता और कुशल कार्यबल पर जोर देना बहुत दूरदर्शी कदम है। सिर्फ ज्यादा संख्या में चीजें बनाने से हम वैश्विक बाजार में टिक नहीं पाएंगे। हमें ऐसे उत्पाद बनाने होंगे जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरें। इसके लिए कुशल कार्यबल की आवश्यकता है। सरकार अब कौशल विकास कार्यक्रमों और प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि हमारे युवा न केवल नौकरी पा सकें, बल्कि नवाचार और नई तकनीक में भी योगदान दे सकें। यह एक ऐसा निवेश है जो भविष्य में भारत को तकनीकी और औद्योगिक रूप से मजबूत बनाएगा।

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भविष्य का रोडमैप: निवेश और विकास

अगले पांच सालों के लिए निवेश और संवितरण का रोडमैप तैयार करना PLI योजना की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इससे निवेशकों को स्पष्टता मिलेगी कि सरकार किन क्षेत्रों में और कितना निवेश चाहती है। यह पारदर्शिता घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों को आकर्षित करेगी। जब पूंजी का सही दिशा में और सही तरीके से प्रवाह होता है, तो औद्योगिक विकास की रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है। यह न केवल हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि लाखों नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे हमारे युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा।

संक्षेप में, PLI योजना केवल सब्सिडी या प्रोत्साहन योजना नहीं है, बल्कि यह भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने, कुशल कार्यबल तैयार करने और आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम बढ़ाने का एक व्यापक एजेंडा है।

क्या आपको लगता है कि PLI योजना भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बना पाएगी? आपकी राय क्या है? नीचे कमेंट करके हमें बताएं! 

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