नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क | भारत- पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को 10 दिनों से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अमेरिकालगातार रुक-रुक कर ये दावा कर रहा है कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराममें उसने मध्यस्थता कराई। हालांकि यह ट्रंप ही हैं जो कई बार अपने दावों को खारिज कर चुके हैं। वह कई बार अपने बयानों से पलटे भी हैं। भारत ने भी कई बार साफ तौर पर कहा कि ये संघर्षविराम पाक-भारत के आपसी बीतचीत की नतीजा है। लेकिन बावजूद इसके ट्रप ने बुधवार, 21 मई को एक बार फिर ये दावा किया कि हमने व्यापार के जरिये भारत-पाकिस्तान संघर्ष को सुलझाया।
ट्रंप ने फिर किया बड़ा दावा
ट्रंप ने ‘व्यापार’ के जरिये भारत-पाक संघर्ष को ‘सुलझाने’ का फिर दावा किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपना दावा दोहराते हुए कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष को ‘व्यापार’ के माध्यम से ‘सुलझाया’। ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ बैठक के दौरान ओवल ऑफिस में कहा, ‘‘अगर आप देखें कि हमने पाकिस्तान और भारत के साथ क्या किया। हमने उस पूरे मामले को सुलझा दिया है, और मुझे लगता है कि मैंने इसे व्यापार के माध्यम से सुलझाया है।’’
अमेरिका भारत और पाकिस्तान से बड़ा सौदा करेगा
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ ‘बड़ा सौदा’ कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे यह कहने में नफरत हो रही है कि एक तरफ हमने ये मुद्दा सुलझाया, लेकिन दो दिन बाद कुछ हुआ, और उन्होंने कहा कि यह ट्रंप की गलती है।’’ ट्रंप ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन लोग और कुछ वाकई अच्छे और महान नेता हैं, लेकिन भारत उनका (ट्रंप) दोस्त है। इस पर दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, ‘‘मोदी, साझा दोस्त हैं।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में मदद की।
कोई व्यापारिक दबाव नहीं था-भारत
बता दें, ट्रंप ने पहले भी ये दावा किया है कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराम व्यापारिक दबाव का नतीजा है। 13 मई को, सऊदी अरब में एक निवेश फोरम में ट्रंप ने फिर मंच संभाला उन्होंने कहा, "हमने भारत और पाकिस्तान के बीच तत्काल और शायद स्थायी युद्धविराम करवाया। ट्रंप ने इसे अपनी "सबसे बड़ी कूटनीतिक जीत" बताया और दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान पर व्यापारिक दबाव डाला। लेकिन भारत ने इस दावे को भी हवा में उड़ा दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, युद्धविराम में कोई व्यापारिक दबाव नहीं था। ये पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान की द्विपक्षीय बातचीत का नतीजा था।
donald trump