नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरू से भारत- पाकिस्तान के बीच बढ़ रहे तनाव पर संजीदा थे, और आखिर इस संजीदगी को आयाम भी मिला। इस आयाम को हासिल करने में डोनाल्ड ट्रंप की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोस्ती भी उनके काम आई। उन्होंने अपने ट्वीट में भी इस बात को जाहिर भी किया कि वे इस सुलह के लिए कितने लगे हुए थे। ट्रंप ने लिखा है कि लंबी रात के डिस्कशन के बाद आखिर “सुबह” हुई और दोनों देश (भारत-पाकिस्तान) सीजफायर के लिए राजी हो गए।
सुबह होते ही ट्रंप कर दिया सुलह का ऐलान
भारत- पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही चिंतित हो उठे डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी रात जागकर भारत- पाकिस्तान के बीच शांति कायम करने की पटकथा लिख डाली और सुबह होते ही अपने चिर परिचित अंदाज में सुलह और सहमति का ऐलान भी कर दिया। शनिवार शाम पांच बजे दोनों देशों ने सीजफायर का ऐलान कर दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले ही ऐलान कर चुके थे कि आतंकी हमले को भारत युद्ध मानकर ऐसे ही कार्रवाई करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी अपने ट्विटर हैंडल से बताया कि वे खुद और उप राष्ट्रपति जेडी वेंस पूरी रात भारत और पाकिस्तान से बात करते रहे और आखिर सुबह होने पर परिणाम सुबह जैसा ही खुशनुमा था।
अमेरिका में हुई सुबह संदेश पूरी दुनिया में
भारतीय समय के अनुसार जब भारत में शाम के पांच बजे सीजफायर का ऐलान हुआ तो उस समय अमेरिका में सुबह के साढ़े पांच बजे थे। यानी आज अमेरिकी सुबह भारत और पाकिस्तान के लिए एक सौगात लेकर आई, शांति की सौगात, सीजफायर की सौगात। खुशनुमा सौगात। अमेरिका के प्रयास से भारत और पाकिस्तान में शाम के समय सुबह सी होती नजर आई। इससे पहले शनिवार को दिन भर जहां पांकिस्तान की ओर से हमलों की खबरें आती रहीं और भारतीय नौजवानों की बाजुएं फड़फड़ाती रहीं तो भारतीय सेना ने एक के बाद, पूरे सात एयरबेस ध्वस्त करने की खबरें देती रही।
ऑपरेशन सिंदूर ने बता दिया- आतंक अब और नहीं
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को बदला लेने में समय जरूर लगा, लेकिन 7 मई को भारतीय सेनाओं ने केवल 25 मिनट में सैकड़ों आतंकियों को हमेशा के लिए सुलाकर बड़ा इतिहास रच दिया। उसके बाद भी भारतीय सेनाओं के पराक्रम का दौर जारी रहा तो भारत के शीर्ष नेतृत्व ने कूटनीति को बेपटरी नहीं होने दिया। मोदी सरकार ने बता दिया कि भारत का नेतृत्व जो कहता है, वह करके भी दिखा देता है। इस सबके साथ भारत और भारत का ऑपरेशन सिंदूर यह संदेश देने में कामयाब रहा कि आतंक अब और नहीं।
बड़ी कूटनीतिः आतंकी हमले को मानेंगे युद्ध
संघर्ष विराम से पहले भारत की यह घोषणा कि आगे से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों ने यदि कोई हमला किया तो इसे युद्ध माना जाएगा और उसी के हिसाब भारत आगे की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा, भविष्य में इसे बड़ी और सफल कूटनीति माना जाएगा। भारत ने सीजफायर के लिए तैयार होकर यह भी जाहिर कर दिया भारत शांति के लिए आगे बढ़ने में भी पीछे नहीं रहता।
अपनी बात से नहीं डिगा भारत
दोनों देशों के बीच चार दिन तक चले संघर्ष के बाद भी भारत न तो अपनी बात से डिगा और न ही वसूलों से गिरा। बेशक पाकिस्तान ने खूब गिरगिटिया रंग दिखाए, नागरिकों पर भी हमले किए लेकिन भारत ने एक भी हमला ऐसा नहीं किया, जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान हुआ हो। वैश्विक पटल पर चौड़े होकर अपनी बात रखने का मादा भी भारत को उसके इन्ही वसूलों ने दिया।