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J&K: हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो गुटों ने तोड़ा अलगाववाद से रिश्ता, शाह बोले-कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बना

जम्मू-कश्मीर के कुख्यात अलगाववादी समूह ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से जुड़े दो संगठनों ने अलगाव से अलग होने का ऐलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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जम्मू-कश्मीर (jammu kashmir) के कुख्यात अलगाववादी समूह ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से  जुड़े दो संगठनों ने अलगाव से अलग होने का ऐलान किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ‘हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। शाह ने कहा कि यह कदम भारत की एकता को मजबूत करेगा। उन्होंने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को बाहर कर दिया है। 

अलगाववाद से अलग होने का ऐलान

शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘‘हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में अहम इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं तथा अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म कर दें।’’ 

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"कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका"

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है। मोदी सरकार (pm modi) की एकीकरण नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है। अमित शाह (amit shah) कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ी जीत है। इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की जानकारी देते हुए कहा था कि हमने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से आतंकियों से भारतीय बच्चों के जुड़ने की संख्या करीब-करीब शून्य हो गई है। शाह ने कहा था कि आतंकी जब मारे जाते थे, बड़ा जुलूस निकलता था। आज भी आतंकी मारे जाते हैं और जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं। 

आतंकवाद पर अंकुश लगाने सरकार के प्रयास

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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर का एक अलगाववादी संगठन है, जिसके अधिकांश घटकों पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। हुर्रियत से जुड़े दो समूहों ने बड़ा फैसले होते हुए अलगाववाद से अलग होने का ऐलान किया है। बीते कुछ  सालों में, सरकार ने अलगाववादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें आतंकवाद विरोधी कानूनों का सख्ती से पालन और सामाजिक-आर्थिक सुधार शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जिससे हाल के वर्षों में घटनाओं में कमी आई है।

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