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क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे...Mallikarjun Kharge के बयान पर राज्यसभा में जोरदार हंगामा

राज्यसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान को लेकर खड़गे ने जोरदार हमला बोला। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे।

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Pratiksha Parashar
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

राज्यसभा में मंगलवार को जोरदार हंगामा देखने को मिला। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान को लेकर खड़गे ने जोरदार हमला बोला। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे...। इसके बाद खरगे ने उपसभापति से कहा कि मैं आपसे माफी मांगने के लिए तैयार हूं, लेकिन सरकार से माफी नहीं मांगूंगा। नाराज विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। सदन में बढ़ते हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

खरगे के बयान पर हंगामा

राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नहीं आये। खड़गे ने आगे कहा कि ये क्या तानाशाही है। इस दौरान विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि क्या-क्या ठोकना है हम ठीक से ठोकेंगे, सरकार को ठोकेंगे। सत्तापक्ष ने इसे चेयर का अपमान बताया। जिसके बाद सदन का माहौल गरमा गया और हंगामा होने लगा। खरगे के बयान पर जेपी नड्डा ने कहा कि बहुत ही दुख कि बात है जो इतने तजुर्बेदार हैं और ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया, ये निंदनीय है। जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी भाषा माफी योग्य नहीं, लेकिन फिर भी उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

नड्डा ने दी समय से आने की सलाह, खड़गे ने किया पलटवार

विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के सदस्यों को रिफ्रेश कोर्स कराया जाए। मंगलवार को मल्लिकार्जुन खरगे ने पलटवार करते हुए कहा, "जेपी नड्डा ने कल कहा कि संसद के नियम और प्रक्रिया की जानकारी के लिए नेता प्रतिपक्ष और बाकी विपक्षी नेताओं को ट्रेनिंग लेनी चाहिए। मैं उनसे पूछता हूं, आप खुद क्यों ट्रेनिंग नहीं लेते? आपके लोग सदन में समय से नहीं आते, आपके मंत्री समय से नहीं आते। यह शर्म की बात है।"

हंगामे के बाद स्थगित हुई राज्यसभा की कार्यवाही

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न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, राज्यसभा में सांसदों ने नियम-267 के तहत चर्चा के लिए 21 अलग-अलग नोटिस दिए थे। सभापति ने नियम-267 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं दी। उपसभापति द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के उपरांत विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा बढ़ने लगा। नाराज विपक्षी सदस्य अपनी सीटों से उठकर सभापति के आसन के करीब आ गए और वहां एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा बढ़ने के उपरांत कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई और प्रश्न काल शुरू हुआ।

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