नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: संघ लोक सेवा आयोग (
UPSC) इस वर्ष होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और नौसेना अकादमी (एनए) के साथ-साथ संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षाओं के लिए आवेदन भरने वाले उम्मीदवारों के लिए राहत भरी खबर है। आयोग ने घोषणा की है कि वह आवेदन पत्रों में हुई गलतियों और त्रुटियों को सुधारने के लिए एक विशेष ‘सुधार विंडो’ खोलेगा। यह सुविधा तीन दिनों के लिए उपलब्ध रहेगी, जिसमें उम्मीदवार एक बार आवेदन में सुधार कर सकेंगे।
आवेदन सुधार विंडो क्यों जरूरी?
यूपीएससी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार एनडीए-2 और एनए-2, 2025 तथा
सीडीएस-2, 2025 परीक्षाएं 14 सितंबर को आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं के लिए आवेदन 28 मई को शुरू हुए थे। ऑनलाइन आवेदन प्रणाली पर आए बदलावों और नए पोर्टल के कारण कई उम्मीदवारों ने आवेदन भरते समय त्रुटियां की हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए यह सुधार ‘विंडो’ खोली जा रही है। यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि ऑनलाइन पोर्टल ने उम्मीदवारों को आवेदन जमा करने से पहले बार-बार जांच करने की सुविधा जरूर दी है, लेकिन फिर भी पहली बार आवेदन करने वाले या नए पोर्टल का उपयोग कर रहे आवेदकों से छोटी-छोटी गलतियां होती रहती हैं। इसीलिए आयोग ने आवेदन सुधार की यह व्यवस्था की है, ताकि उम्मीदवार अपने ‘सामान्य आवेदन पत्र’ और ‘परीक्षा आवेदन पत्र’ में सुधार कर सकें।
उम्मीदवारों के लिए सुझाव
आयोग का कहना है कि सही जानकारी और दस्तावेज़ का होना परीक्षाओं की प्रक्रिया और निष्पक्षता के लिए अत्यंत आवश्यक है। गलत या अधूरी जानकारी से उम्मीदवारों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, यहां तक कि आवेदन रद्द भी हो सकता है। इस कारण यह सुधार विंडो एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है जिससे आवेदकों को अंतिम समय में अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलेगा।यूपीएससी ने उम्मीदवारों से अपील की है कि वे सुधार विंडो के दौरान सावधानीपूर्वक अपना आवेदन पुनः जांचें और सुनिश्चित करें कि सभी विवरण सही और पूर्ण हैं। साथ ही, दस्तावेजों को ठीक ढंग से अपलोड करना भी जरूरी है। यह सुधार मौका सीमित अवधि के लिए ही उपलब्ध होगा, इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे इसे लेकर लापरवाही न बरतें।
भविष्य की तैयारी में यूपीएससी का कदम
यूपीएससी द्वारा इस सुधार विंडो की शुरुआत ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सरल और उम्मीदवारों के अनुकूल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। इससे न केवल उम्मीदवारों को राहत मिलेगी, बल्कि आवेदन प्रक्रिया में त्रुटियों को कम करने और परिणामस्वरूप परीक्षाओं के संचालन में सुधार होगा। UPSC