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US tariffs apply: भारत से निर्यात होने वाले उत्पाद होंगे महंगे, किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर

1 अगस्त 2025 से अमेरिका ने भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लागू कर दिया है। जानें किन-किन सेक्टर्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और भारत-रूस व्यापार पर क्या होगी अमेरिका की पेनाल्टी की संभावनाएं।

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Dhiraj Dhillon
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। 1 अगस्त 2025 से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लागू कर दिया गया है। इससे अमेरिका में भारतीय वस्तुएं महंगी हो जाएंगी और वहां के उपभोक्ता संभवतः सस्ते विकल्प के रूप में अन्य देशों के उत्पाद चुनने को मजबूर होंगे। बता दें कि भारत का अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार 130 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत का निर्यात लगभग 87 अरब डॉलर का है। ऐसे में टैरिफ का सीधा असर भारतीय उद्योगों और निर्यातकों पर पड़ना तय है।

किन सेक्टर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?

इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर

भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक निर्यात बाजार अमेरिका है।
स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर जैसे उत्पाद सबसे ज्यादा निर्यात किए जाते हैं।
सेक्टर 232 की समीक्षा दो हफ्ते बाद तय है, तब तक राहत की संभावना।
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टेक्सटाइल उद्योग

भारत के कुल टेक्सटाइल निर्यात का 28% अमेरिका को होता है।
वियतनाम, बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा कड़ी होगी।
अमेरिका इन पर भी उच्च टैरिफ (19-36%) लगा चुका है, जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग को नुकसान हो सकता है।

फार्मास्युटिकल (फार्मा) सेक्टर

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अमेरिका को भारत का फार्मा निर्यात 10.5 अरब डॉलर है (कुल निर्यात का 40%)।
फिलहाल फार्मा पर टैरिफ लागू नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में जोखिम बरकरार है।

रत्न और आभूषण उद्योग

हीरे, सोने, चांदी और प्लैटिनम ज्वैलरी पर पहले से ही टैरिफ लागू।
अब बेसलाइन टैरिफ 10% हो गया है, जिससे कीमतें और मांग प्रभावित हो सकती हैं।
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कृषि उत्पाद

अमेरिका को भारत का कृषि निर्यात 5.6 अरब डॉलर से अधिक।
मरीन प्रोडक्ट्स, चावल, मसाले, डेयरी, आयुष उत्पाद मुख्य निर्यात वस्तुएं।
सबसे ज्यादा असर सीफूड इंडस्ट्री पर पड़ने की आशंका।

भारत-रूस व्यापार पर क्या होगा असर?

ऊर्जा क्षेत्र (तेल और गैस)
भारत रूस से 17 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चा तेल खरीदता है।
ट्रंप ने चेतावनी दी है कि रूस से आयात करने वाले देशों पर अतिरिक्त पेनाल्टी लगाई जा सकती है।
भारत ने फौरी तौर पर रूस से तेल आयात रोक दिया है। 
इससे भारत की सस्ती ऊर्जा नीति प्रभावित हो सकती है।

रक्षा और हथियार क्षेत्र

भारत ने 20 वर्षों में रूस से 60 अरब डॉलर के हथियार खरीदे हैं।
थलसेना, वायुसेना और नौसेना रूसी हथियारों पर निर्भर।
एस-400 सिस्टम, सुखोई, मिग, टैंक, सबमरीन, ब्रह्मोस मिसाइल जैसे कई उपकरण रूस से आते हैं।
अमेरिकी पेनाल्टी का असर रक्षा खरीद, सप्लाई चेन और नई डील्स पर पड़ सकता है।
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